विधानसभा में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 19हजार 771.42करोड़ का अनुपूरक व्यय विवरण पेश किया। यह राशि वित्त वर्ष 2018-19 के बचे हुए शेष महीनों के खर्च के लिए निर्धारित की गई है। विधानमंडल के इस सत्र में कुल छः बैठकें ही निर्धारित हैं। दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के बाद दिवंगत राजनेताओं तथा अन्य महत्वपूर्ण जनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई।
सत्र की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद के प्रारंभिक संबोधन से हुई। सभाध्यक्षों ने उर्दू मिश्रित हिंदी में प्रारंभिक संबोधन दिया। इसे अल्पसंख्यक वर्ग को आकर्षित करने की कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। खासकर आगामी चुनाव को देखते हुए इसे आरजेडी के मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी करने के बतौर माना जा रहा है।
राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष
बता दें कि इस मॉनसून सत्र में विपक्ष ने सरकार को विभिन्न मुद्यों पर घेरने की योजना तैयार कर रखी है। इस सत्र में स्वामी अग्निवेश से मारपीट मामले पर, राज्य में महिलाओं व बालिकाओं के प्रति बढते अपराध और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर निशाना साध सकता हैं। इधर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जल्द ही राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का केवल एक ही मतलब नहीं निकाल जाना चाहिए। यह केवल इसलिए नहीं लाया जाता है कि सरकार को गिराया जा सके। यह इसलिए भी लया जाता है कि सरकार जनता के प्रशनों का जवाब दे। साथ ही तेजस्वी ने यह कहा कि इस सत्र में नहीं तो अगले सत्र में आवश्यक रूप से हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे।