पटना

राहत की बजाय आफत बन रहा है सत्ताधारी दल का सियासी ड्रामा

Bihar flood: कॉलोनियों में भरे गंदे पानी की बदबू और मच्छरों ने बढ़ाया महामारी का खतरा, अभी भी कॉलोनियों में भरा है चार-चारी फीट तक पानी

पटनाOct 05, 2019 / 05:19 pm

Navneet Sharma

राहत की बजाय आफत बन रहा है सत्ताधारी दल का सियासी ड्रामा

पटना. प्रियरंजन भारती। पटना में इलाकों में भरा बाढ़ का पानी जहां आम लोगों के लिए भारी मुसीबत बना हुआ है वहीं राजनीतिक दल पानी को लेकर सियासी दावपेच खेलने में लगे हैं। हालात यह है कि राजेंद्र नगर और कंकडबाग इलाके में बाढ़ के पानी से आम जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है तो सत्ताधारी दल आपसी खींचतान में पीछे नहीं हैं।
बाढ़ के पानी को लेकर चल रहा सियासी ड्रामा इस कदर बढ़ता जा रहा है कि देखकर लगने लगा है कि सत्ताधारी दोनों दलों भाजपा और जदयू के बीच के रिश्ते खराब होने लगे हैं। आपसी बयानबाजी को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव तक ही इनके रिश्ते में दरार न पड़ जाए। दूसरी तरफ जलजमाव वाले इलाकों के हाल इतने खराब हैं कि बाढ़ से परेशान लोगों को राहत की बजाय गंदे पानी की बदबू और मच्छरों का डर सताने लगा है। स्थानीय लोगों की माने तो गंदगी और मच्छर से बस्तियों में महामारी हो सकती है, इनका कहना है कि सरकार और दलों को आपसी खींचतान की बजाय इन पर ध्यान देना चाहिए।
आठ दिनों से भरा है पानी
पटना के लोगों का कहना है कि जलजमाव को लेकर केवल जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव ही पानी पीडि़तों के बीच जाकर मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगी है। इनका कहना है कि हैरत की बात है कि ऐसे वक्त में सरकार को लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी राजेंद्रनगर इलाके के घर से रेस्क्यू किए जाने के बाद अपने सरकारी बंगले में रहकर सरकारी कामों में लगे हैं। लोगों का आरोप है कि अपने राजेंद्रनगर रोड नं6 पर रहने वाले लोगों की उनको कोई फिकर नहीं है, लोग यहां चार फीट पानी में अभी भी पड़े हैं। आठ दिन बावजूद पानी नही निकलने से लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो गये हैं।

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