पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के आधार पर एसपी अभियान की अगुआई में सुरक्षा बलों ने छापेमारी कर एक सपेरा समेत छह तस्करों ( Police arrested 6 smugglers ) को रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया। इनके पास दुर्लभ प्रजाति के सात सांप बरामद किया। इनमें एक रेड सैंड बोआ,एक कॉमन सैंड बोआ व पांच कोबरा प्रजाति के सांप हैं। कोबरा भी अंतररष्ट्रीय बाजार में मंहगे दाम पर उपलब्ध है। एसपी अभियान कुमार आलोक ने बताया कि सिरदला जंगल में मुंबई के तस्करों के साथ सांपों की डील होने की सूचना पर कार्रवाई की गई।
इसी सप्ताह दिल्ली पुलिस ने भी रानीबाग इलाके से एक तस्कर को गिरफ्तार कर रेड सैंड बोआ सांप बरामद किया था। रोहिणी सेक्टर निवासी आरोपी जयप्रकाश इस सांप को मेरठ के जंगल से पकड़ कर लाया था। इस सांप का सौदा करता, इससे पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ गया। दो वर्ष पहले मुंबई पुलिस ने भी एक तस्कर के साथ इसी सांप को बरामद किया था।
रेड सैंड बोआ सांप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों से करोड़ों तक आंकी गई है। इस सांप के इतने महंगे होने की वजह इसके पीछे जुड़े कई मिथ हैं। इसके पीछे चमत्कारिक शक्तियां जुड़ी हुई हैं। तांत्रिक इस सांप को कथित काले जादू में काम में लेते हैं। यह सांप जहरीला नहीं होता। मलेशिया, चीन और एशिया के कई देशों में इसकी मांग है। इन देशों में इसका उपयोग यौन शक्तिवद्र्धक दवाओं के लिए किया जाता है। इस सांप की पूंछ सिर की तरह दिखाई देने के कारण इसे दो सिरवाला सांप भी कहा जाता है।
भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत रेड सैंड बोआ अनूसूचि चतुर्थ में शामिल है। इस सांप को पकडऩे वाले को इसकी स्वीकृति लेनी आवश्यक है। बगैर वैधानिक स्वीकृति के इसे पकडऩा दण्डनीय अपराध है।