कुशवाहा सोमवार को वैशाली के जंदाहा प्रखंड कार्यालय में सोमवार को नवनिर्वाचित प्रखंड प्रमुख और रालोसपा नेता मनीष कुमार साहनी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दिए जाने से बेहद आहत थे। हत्या से आक्रोशित लोगों ने सोमवार को थाने का घेराव कर आगजनी की थी। पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाईं जिसमें छह लोग जख्मी हो गये और एक जख्मी गुलशन साहनी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना से क्षेत्र में तनाव व्याप्त है।
कुशवाहा मंगलवार को मौके पर पहुंचे और अपनी पीड़ा जमकर निकाली। उन्होंने इस बाबत ट्वीट कर भी अपनी पीड़ा ज़ताई है। उन्होंने कहा कि सूबे में प्रशासन नाम की कोई व्यवस्था नहीं दिखती। एनडीए का घटक होने के बावजूद कुशवाहा नीतीश और भाजपा की आलोचना करने के लिए चर्चित रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व उन्होंने यह कहकर सरकार और सियासत में खलबली मचा दी थी कि नीतीश कुमार को अब स्वेच्छा से मुख्यमंत्री पद छोड़कर औरों को भी मौका देना चाहिए। इसकी सत्तारूढ़ दल ने तीखी आलोचना की थी।
लडखडाई राज्य की कानून व्यवस्था
बता दें कि राज्य की कानून व्यवस्था इन दिनो चरमराई हुई है। एक और शेल्टर होम्स से सामने आते दुष्कर्म के मामले वहीं दूसरी ओर बढती अपराध की घटनाओं ने सरकार के लिए परेशानी खडी कर दी है। इससे नीतीश कुमार के सुशासन के नारे पर सवालिया निशान लग चुके है। विपक्ष तो इन मुद्यों को लेकर नीतीश कुमार को घेर ही रहा है पर एनडीए के ही सहयोगी दल के नेताओं के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर होने से सियासी महकमे में हलचल मच गई है ।