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स्वागत बिहार 2019 : चर्चा में रहेंगे ये 10 नेता

locationपटनाPublished: Dec 31, 2018 07:34:01 pm

Submitted by:

Gyanesh Upadhyay

आइए देखते हैं – बिहार में वर्ष 2019 में कौन-सी 10 टॉप हस्तियां राजनीतिक-सामाजिक क्षेत्र में चर्चा में रहेंगी।

स्वागत बिहार 2019

स्वागत बिहार 2019

पटना। बिहार सबकी निगाह में है। एनडीए गठबंधन ने तो सीटों का बंटवारा वर्ष 2018 में ही कर लिया, लेकिन महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का इंतजार है। जनवरी 2019 में ही यह बंटवारा हो जाएगा। जो चर्चा और गतिविधियां चल रही हैं, उससे लग रहा है कि लालू को ही सीटों का तालमेल बिठाना है। नीतीश और भाजपा की हार हुई, तो वर्ष 2019 में लालू के फिर किंगमेकर बन जाने की संभावना है।

नीतीश कुमार (67 वर्षीय) : मुख्यमंत्री और जद-यू के मुखिया होने के नाते नीतीश कुमार का चर्चा में रहना तय है। लोकसभा चुनाव में राजग की हार हो या जीत, नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। वर्ष 2020 में विधानसभा चुनाव जीतने के मद्देनजर वे अपनी रणनीति बनाकर चलेंगे।

प्रशांत किशोर (41 वर्षीय) : वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाले इलेक्शन-इंजीनियर प्रशांत किशोर उर्फ पीके लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के साथ क्या करते हैं, यह देखने वाली बात होगी। भाजपा हारे या जीते, जद-यू का हिस्सा लेने में वे पीछे नहीं रहेंगे।

सुशील कुमार मोदी (66 वर्षीय) : भाजपा ने वर्ष 2018 में ही जद-यू से गठबंधन की कीमत चुका दी है। पांच सीटें खोकर चुनाव लडऩा है। देखना है कि बिहार में भाजपा की लाज बचती है या नहीं। सुशील मोदी के नंबर तभी बढ़ेंगे, जब भाजपा लोकसभा चुनाव में अच्छे नंबर लाएगी।

लालू प्रसाद यादव (70 वर्षीय) : रांची की जेल और अस्पताल में रहते हुए भी लालू चर्चा में रहेंगे। चुनाव इन्हें नहीं लडऩा है, लेकिन दूसरों को लड़वाना और लड़वाने से पहले सीटों के बंटवारे का गणित बिठाना है। इनके लिए जेल से राजनीति कोई नई बात नहीं है। उनकी सेहत भी चर्चा में रहेगी।

तेजस्वी यादव (29 वर्षीय) : तेजस्वी यादव के लिए वर्ष 2019 निर्णायक रहेगा। उनके नेतृत्व की परख हो जाएगी। पार्टी को संभालने के साथ ही गठबंधन संभालने की भी जिम्मेदारी रहेगी। जिस सधे हुए रूप में तेजस्वी आगे बढ़ रहे हैं, उससे तय है कि वे लगातार चर्चा में रहेंगे, खबरें देते रहेंगे।

तेजप्रताप यादव (30 वर्षीय) : लालटेन की चिंता बढ़ी है। लालू यादव के बड़े बेटे की राजनीति बिहार को उलझाने लगी है। वर्ष 2019 में उनका तलाक हो पाता है या नहीं, वे अपने घर लौटेंगे या नहीं, वे कैसे मानेंगे, वे पार्टी के लिए बोझ साबित होंगे या वरदान? पार्टी में क्या भूमिका दी जाएगी?

शत्रुघ्न सिन्हा (72 वर्षीय) : वर्ष 2019 में भाजपा से अलग होना तय-सा है। वे किस पार्टी में शरण पाएंगे? भारतीय जनता पार्टी से बहुत पुराना साथ टूटेगा, तो चर्चा तो खूब होगी। भाजपा को कितना नुकसान पहुंचा पाएंगे? लोकसभा चुनाव में पटना साहिब से अपनी जीत को दोहरा पाएंगे या नहीं?

रामविलास पासवान (72 वर्षीय) : बिहार के इस बड़े क्षत्रप ने चुनावी राजनीति की राह को अलविदा कह दिया है। अब राज्यसभा में बैठने की तैयारी है। पार्टी लोकसभा चुनाव 2014 के प्रदर्शन को दोहरा पाएगी या नहीं। इन्हें कांग्रेस भी रिझाने में लगी है, तो एक संभावना हमेशा चर्चा में रहेगी।

चिराग पासवान (35 वर्षीय) : लोक जनशक्ति पार्टी की कमान अब चिराग पासवान के पास आ गई है। देखना है, चिराग लोकसभा चुनाव में कितने रौशन होते हैं? संभावना हमेशा रहेगी, लोकसभा चुनाव में हार गए, तो राहुल गांधी के साथ जाने का फैसला करने में देर नहीं लगाएंगे।

उपेन्द्र कुशवाहा (58 वर्षीय) : केन्द्रीय मंत्री पद छोडऩा और राजग छोडऩा कारगर साबित होता है या नहीं? रालोसपा को कितनी सीटें मिलनी हैं? कहीं ऐसा न हो कि महागठबंधन में भी उपेक्षित हो जाएं? इनका चुनाव हारना या जीतना बहुत मायने रखेगा? चुनाव अब नाक का सवाल है।

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