इन बातों पर नीतीश हैं आज भी अड़े हुए
सभी साफ दिख रहे फर्कों के बीच नीतीश कुमार आज भी अपने स्तर पर बिग ब्रदर और यंग्री यंगमैन वाली पोज में हैं और बढ़ी हुई भाजपा पर अपनी सेक्यूलर दिखने वाली छवि का रुतबा कायम रखना चाहते हैं। नीतीश कुमार आज भी भाजपा से नाराज दिख रहे हैं। पहली नाराजगी इस बात की है कि भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने उग्र हिंदुत्व के एजेंडे को बिहार में जमीन पर उतारने की कोशिश की। गिरिराज सिंह नवादा के सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के आरोपियों से मिले। इसे लेकर नीतीश ने यहां तक कह डाला सांप्रदायिक सद्भाव कतई बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा और ऐसा करने वालों को वह बर्दाश्त नहीं करेंगे।
दूसरी नाराजगी अपनी दादागिरी बरकरार रखने को लेकर है। चेहरे और सीटों को लेकर नीतीश भाजपा पर दबाव बनाए हुए हैं। भाजपा अपनी बढ़ी हुई हैसियत में नीतीश कुमार के दबाव को हर बार की तरह बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। नीतीश को भाजपा नेताओं ने अवकात बता देने में भी देर नहीं की है कि कैसे अलग चुनाव लड़कर वह दो की संख्या में पहुंच गये।
नीतीश को साधने के लिए तत्पर भाजपा
इन सब के बीच भाजपा नेतृत्व नीतीश को साधने में जुटा है। पार्टी नेता यह मानते हैं कि यह संभव है। पर भाजपा को बलिदान करना ही पड़ेगा। पहले 22सीटें जीतीं हुई हैं। अब इससे कम पर भी वह तैयार है। चेहरे और इमेज पर तो संबित पात्रा ने भी साफ कह डाला था कि बिहार के मुख्यमंत्री के नाते वह स्वाभाविक नेता हैं। पर एनडीए का चेहरा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही हैं।भाजपा नीतीश कुमार की सेक्यूलर इमेज का भरसक उपयोग करने से भी नहीं चूकना चाहती। देखने की बात सिर्फ इतनी ही है कि नीतीश को डिनर डिप्लोमेसी से भाजपा कितनी सफलता से साध पाती है।