शहंशाह में अमिताभ बच्चन की कॉस्ट्यूम बनाने में काफी मेहनत की थी। हमें मुम्बई के सेंट्रल मार्केट में एक ड्रेन कवर मिला, जिसे बैंड करके हमने आर्म बनाया। 1980 के समय में मैटेलिक एसेसरीज का दौर आया था। उस समय मैंने ब्रोकन ग्लास, चिकन फैदर और क्रिसमस लाइट्स को लेकर कास्ट्यूम बनाए, जिन्हें मिथुन चक्रवर्ती ने डिस्को डांसर फिल्म में पहनें। उस समय ऑप्शन नहीं थे, हम आस-पास से चीजें खोजते थे। लेकिन आज लोग गूगल की मदद लेते हैं, इंटरनेशनल ब्रांड का यूज करते हैं। जेम्स कहते हैं ‘जिम्मी-जिम्मी…Ó गाना मेरी लेटलतिफी को लेकर बना था। उस समय मैं स्टूडियों में तीन-तीन घंटे लेट पहुंचता था, जिसके चलते सावन कुमार को इस गाने का आइडिया आया।
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जेम्स मंगलवार को मालवीय नगर स्थित आर्च कॉलेज ऑफ डिजाइन एंड बिजनेस में आयोजित हुई ‘हेरिटेज… स्टोरीज ऑफ चेंज… ऑर शेयर्ड फ्यूचर’ थीम पर हुई चर्चा में रूबरू हुए। इस दौरान इंटरनेशनल रिसर्च कॉन्फ्रेंस ‘फैशन कॉलोकिया 2020’ की घोषणा हुई। कॉलेज की संस्थापक अर्चना सुराणा ने बताया कि कॉलेज की ओर से 25 से 29 जनवरी 2020 तक फैशन कॉलोकिया का आयोजन किया जाएगा। इसमें लंदन कॉलेज ऑफ फैशन – यूनिवर्सिटी ऑफ द आट्र्स , लंदन, डोमस एकेडमी – मिलान, इंस्टीट्यूट फ्रैंसिस डेला मोड -पेरिस और पार्सन्स, द न्यू स्कूल फ ॉर डिजाइन, स्कूल ऑफ फैशन, न्यूयॉर्क की भी अहम भूमिका रहेगी। कॉन्फ्रेंस में स्पीकर सैशन, पेपर प्रजेंटेशन, इंस्टालेशन, वर्कशॉप, एग्जीबिशन और फैशन शो सहित विभिन्न एक्टीविटीज होंगी। चर्चा में एफ डीसीआई फैशन वीक डिजाइनर, प्रतिमा पांडे, रॉयल कॉलेज ऑफ आट्र्स, लंदन की रिसर्चर अन्ना तुहस, मोरारका फ ाउंडेशन के मुकेश गुप्ता ने हिस्सा लिया।