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बनारस घराने ने खोया हीरा, मिश्र बंधुओं की टूटी जोड़ी

locationजयपुरPublished: Apr 25, 2021 08:58:05 pm

Submitted by:

Anurag Trivedi

– टिब्यूट
कोरोना के चलते पद्मभूषण पं. राजन मिश्रा का निधन, पं. साजन मिश्रा के साथ मिश्र बंधु के रूप में थे विख्यात

बनारस घराने ने खोया हीरा, मिश्र बंधुओं की टूटी जोड़ी

बनारस घराने ने खोया हीरा, मिश्र बंधुओं की टूटी जोड़ी

जयपुर. देश के जाने-माने शास्त्रीय गायक पं. राजन मिश्रा अब हमारे बीच नहीं रहे। वे पिछले कुछ दिनों से कोरोना से पीडि़त थे और रविवार को दिल का दौरा पडऩे से उनका निधन हो गया। रविवार को उन्हें ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की जरूरत पडऩे पर शहर के मोहनवीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट ने सरकार से ट्वीट करते हुए मदद की मांग की थी। इसके बाद हॉस्पिटल प्रशासन ने तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई। पं. राजन मिश्र विश्वभर में मिश्र बंधुओं के नाम से विख्यात थे, उनकी जोड़ी अपने छोटे भाई पं. साजन मिश्रा के साथ थी। राजन के चले जाने के बाद अब यह जोड़ी टूट गई है। इनके निधन पर पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट, बनारस की शंकर गिटार वादिका कमला शंकर, उज्जैन की संतूर वादक वर्षा अग्रवाल, शास्त्रीय गायिका मीता पंडित, पद्मश्री तिलक गिताई, पद्मश्री शाकिर अली और गायिका इला अरुण सहित कई कलाकारों ने संवेदना प्रकट की। राजन मिश्रा का विवाह पं. बिरजू महाराज की पुत्री कविता से हुआ था। उनके पुत्र रितेश और राजनीश भी गायन के क्षेत्र में खासी पहचान कायम कर चुके हैं।
जयपुर में दी कई प्रस्तुतियां
राजन मिश्रा बनारस घराने से ताल्लुक रखते थ, लेकिन उन्हें देश के अन्य संगीत घरानों की भी अच्छी जानकारी थी, जिसे वे अक्सर मंच पर प्रदर्शित किया करते थे। उन्होंने 1978 में श्रीलंका में अपना पहला संगीत कार्यक्रम दिया। इसके बाद उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, यूएसएसआर, सिंगापुर, कतर, बांग्लादेश समेत दुनिया भर के कई देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धी हासिल की। इस जोड़ी ने जयपुर में भी कई बार परफॉर्म किया है। स्पीक मैके की म्यूजिक इन द पार्क सीरीज के तहत सेंट्रल पार्क और शहर के कई कॉलेज व स्कूलों में उन्होंने प्रस्तुति दी और शास्त्रीय संगीत के प्रोत्साहन के लिए युवाओं को जोड़ा। इन्होंने जयपुर म्यूजिक समिट में भी मॉर्निंग रागा कार्यक्रम में खास प्रस्तुति दी थी।
आपदा के लिए प्रकृति नहीं, हम जिम्मेदार

पं. राजन और साजन मिश्रा का मानना था कि जैसे मनुष्य का शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, वैसे ही संगीत के सात सुर ‘सारेगामापाधानीÓ पशु-पक्षियों की आवाज से बनाए गए हैं। वहीं कुछ वर्षों पहले दोनों भाइयों ने कहा था कि आपदा के लिए प्रकृति नहीं हम जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हर इंसान को अपनी मानसिकता बदलनी ही होगी और प्रकृति का साथ देना होगा।

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