scriptदुध के कारण सामान्य से ज्यादा नींद आती है, पचाना भी कठिन होता है : अद्वितीय वीर | Due to milk we get more sleep than usual: Adutiya Veer | Patrika News

दुध के कारण सामान्य से ज्यादा नींद आती है, पचाना भी कठिन होता है : अद्वितीय वीर

locationजयपुरPublished: Sep 15, 2021 10:03:08 pm

Submitted by:

Anurag Trivedi

— फिटनेस—911 के मैनेजिंग डायरेक्टर ने शेयर किए अनुभव

दुध के कारण सामान्य से ज्यादा नींद आती है, पचाना भी कठिन होता है : अद्वितीय वीर

दुध के कारण सामान्य से ज्यादा नींद आती है, पचाना भी कठिन होता है : अद्वितीय वीर

जयपुर. हर किसी जीवन में फिटनेस अहम रोल निभा रहा है। हर कोई व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पूरा ध्यान दे रहा है। दुध को लेकर आज भी कई तरह की भ्रांतियां मौजूद है, लोग इस दिशा में अभी अवेयर नहीं है। ऐसे में लोगों को दुध पीने से लेकर इसे पचाने से संबधित क्रियाओं पर काम करना चाहिए। यह कहना है, फिटनेस—911 के मैनेजिंग डायरेक्टर अद्वितीय वीर का। उन्होंने कहा कि हम में से अधिकांश लोग डेयरी और डेयरी उत्पादों का सेवन न करने के इस कथन से असहमत होंगे, क्योंकि बचपन से ही हमें यह बताया जाता है कि दूध सभी मनुष्यों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व प्रदाता है। हम अक्सर दूध वालों से दूध खरीदते हैं और वो हमें पैसों के बदले में विभिन्न प्रकार के डेरी प्रोडक्ट्स भी मुहैय्या कराते हैं। तो तकनीकी रूप से यह इसे एक व्यावसायिक लेनदेन बनता है। इनके लोग सिंथेटिक हार्मोन और स्टेरॉयड के इंजेक्शन लगाते है, इससे हमारे शरीर पर भी असर पडता है।
बच्चों में अप्रत्याशित रूप से वजन बढ़ना, थायराइड और पीसीओएस सहित महिलाओं में हार्मोनल समस्याओं की बढ़ोतरी तथा पुरुषों में कोलेस्ट्रॉल और टाइप -2 मधुमेह इन दिनों बहुत होना बोहोत ही आम बात हो गयी है। किशोरावस्था के बाद दूध पोषक तत्वों का अवशोषण पहले ही हो चुका होता है और इसके बाद शरीर का काम बेहतर पोषण प्रदान करने वाले स्वस्थ खाद्य पदार्थों को पचाने का ही रह जाता है। गाय का दूध और भैंस का दूध मानव उपभोग के लिए नहीं उत्पन्न होता है, जिससे मानव शारीर के लिए इसे पचाना कठिन हो जाता है, जिसके कारण हमारे शरीर को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हमें सामान्य से अधिक नींद आती है।
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