एग्जीबिशन में विनय शर्मा ने 219 वर्ष पहले के पंचांग का मूल कैलीग्राफी में प्रयोग करते राजस्थानी चटकीले और उत्सवधर्मी रंगों के तानेबाने में अतीत की वास्तु और सांस्कृतिक धरोहर की स्मृतियों को केनवास पर जीवंत किया है। उनकी कलाकृति में जयपुर के स्थापत्य सौन्दर्य की चौकडिय़ों का भी अपनापा है। उन्होंने बताया कि पिनांग में मेरी कला ऐसे समय में प्रदर्शित हो रही है, जब यूनेस्को ने जयपुर के परकोटे को भी विश्व धरोहर में शुमार किया है। पिनांग शहर भी विश्व धरोहर में पहले से शामिल है, ऐसे में दोनों जगहों की खूबसूरती को भी मैं कैनवास पर उतारने का प्रयास कर रहा हूं।