साइकोलॉजिस्ट साहिल त्रिवेदी कहती हैं, कि लॉकडाउन ने लोगों की स्क्रीन टाइम को बढ़ा दिया है। वहीं गेमिंग की लत समय की बर्बादी के साथ-साथ साइकोलॉजिकल असर भी डालती है। खासकर टीनेजर्स में ई-गेमिंग के साइड इफेक्ट्स सभी जानते हैं। एक साथ नहीं तो धीरे-धीरे गेमिंग टाइम कम करना बहुत जरूरी है। किसी भी चीज का एडिक्शन नहीं होना चाहिए।
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बढ़ गए हैं गेमिंग आवर्स
बीटेक कर रहे निखिल शर्मा बताते हैं कि घर में बोरियत के चलते ऑनलाइन गेम्स डाउनलोड किए थे, बीते दो महीनें में खूब ऑनलाइन गेम्स खेले हैं। अब पीछे मुड़कर देखता हूं, तो गेमिंग आवर्स बढ़ गए हैं। करीब एक से डेढ़ घंटे हम सभी फ्रैंड्स गेम खेलते हैं। अब इस टाइम को कम करने की कोशिश कर रहा हूं।