जयपुर में कंपलीट शूट संजीव ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग सेंट्रल जेल जयपुर, महिला बंदी सुधार गृह और ओपन जेल सांगानेर में हुई। इसमें असल कैदियों के साथ जेल अधिकारियों और कर्मचारियों ने काम किया है। फिल्म का उद्देश्य सुधरे हुए बंदियों के प्रति समाज को जागरूक करना है, ताकि उनका समाज में पुन: गरिमापूर्ण पुर्नस्थापन हो सके। इस कहानी में ऐसे बंदियों की कहानियों को दिखाया गया है, जो सजा पूरी होने के साथ समाज में इज्जत के साथ आगे बढऩा चाहते हैं।
डीजी कॉमेंडेशन रोल से सम्मानित संजीव ने बताया कि यह फिल्म गृह मंत्रालय भारत सरकार और जेल विभाग राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार बनाई गई है। इसे मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (गृह), मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, कारागार महानिदेशालय और राज्य और राज्य के बाहर के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों ने सराहा है। पिछले दिनों पूर्व डीजी जेल राजीव दासोत ने संजीव शर्मा को डीजी कॉमेंडेशन रोल से सम्मानित किया है।