प्रियंका ने कहा कि जब हॉलीवुड में काम ढूंढ रही थी, तो वहां लोग बहुत सोचते थे कि क्या वाकई में ब्राउन या ब्लैक लीड रोल कर सकते हैं क्या? मैंने ये सीमाएं तोड़ी हैं। हमारी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है, ऐसे में इंग्लिश लैंग्वेज एंटरटेनमेंट में हमें अपनी पहुंच बनानी चाहिए। इस दौरान प्रियंका ने अपनी फिल्म द व्हाइट टाइगर का भी जिक्र किया। द व्हाइट टागर प्रियंका ने प्रोड्यूस की थी।
पापा मुझे आगे बढ़ाने में हमेशा एक्साइटेड रहते थे। यहां तक की बचपन में रिले रेस में भी वो बहुत राउड होकर मुझे एनकरेज करते थे। जब वे अपना इलाज करवा रहे थे, तो व्हीलचेयर पर मेरे अवॉर्ड फंक्शन में मेरे साथ थे। और उन्होंने खड़े होकर स्पीच दी। वे हर समय मेरे लिए खड़े रहते थे।
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यूनिफॉर्म से मिस वल्र्ड तक का सफर
जब मुझे मिस वल्र्ड का खिताब मिला, तब मैं मात्र 18 साल की थी। जिस नवम्बर मैं मिस वल्र्ड बनीं, उससे लास्ट नवम्बर में एक स्कूल गर्ल थी। मैंने हमेशा अपने मन की सुनी है। मेरी कोई रूल बुक नहीं हैं, अपने कॉन्फि डेंस से आगे बढ़ी। मेरा कॅरियर कभी मेरे कोएक्टर की वजह से नहीं चला। छोटे या फिर बड़े रोल मैंने अपनी मर्जी से चुने हैं।