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नैपोटिज्म पर बोलीं प्रियंका- अपने परिवार और दोस्तों के बारे में सोचना गलत नहीं हैं

locationजयपुरPublished: Feb 20, 2021 08:42:54 pm

Submitted by:

Jaya Sharma

नस्लभेद को लेकर भी व्यक्त किए विचार मेरी कोई रूल बुक नहीं हैं- प्रियंका
 
सेशन-अनफिनिश्डप्रियंका चोपड़ा जोनस इन कंवर्सेशन विद् शोभा डे

मेरी कोई रूल बुक नहीं हैं- प्रियंका

नैपोटिज्म पर बोलीं प्रियंका- अपने परिवार और दोस्तों के बारे में सोचना गलत नहीं हैं

जयपुर. जेएलएफ में प्रियंका ने अपनी बुक अनफिनिश्ड के बारे में बात करते हुए जिन्दगी के कई पन्ने शेयर किए। उन्होंने कहा कि मेरे हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के शुरुआती दिनों में गल्र्स का रिप्लेस होना बहुत आसान था। पुरुष ही डिक्टेड करते थे। लेकिन बीते बीस सालों में फिल्म इंडस्ट्री में बहुत बदलाव आया है। आज महिलाएं लीड रोल में दिख रही है। आज की यंग जनरेशन के सामने वे चुनौतियां कम हैं, जो पहले थी। नैपोटिज्म को लेकर प्रियंका ने कहा कि हर कोई अपने परिजनों और दोस्तों को आगे देखना चाहता है, यह एक मानवीय व्यवहार है। हालांकि मैं यह मानती हूं कि यदि आप किसी तरह की शक्ति रखते हो, तो अपने सामने की दीवार को छोटी करों और टेबल का दायरा बढ़ाओ। कहने का मतलब उसे आगे बढऩे के मौके दो।
हॉलीवुड का एक्सपीरियंस किया शेयर
प्रियंका ने कहा कि जब हॉलीवुड में काम ढूंढ रही थी, तो वहां लोग बहुत सोचते थे कि क्या वाकई में ब्राउन या ब्लैक लीड रोल कर सकते हैं क्या? मैंने ये सीमाएं तोड़ी हैं। हमारी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है, ऐसे में इंग्लिश लैंग्वेज एंटरटेनमेंट में हमें अपनी पहुंच बनानी चाहिए। इस दौरान प्रियंका ने अपनी फिल्म द व्हाइट टाइगर का भी जिक्र किया। द व्हाइट टागर प्रियंका ने प्रोड्यूस की थी।
पापा हमेशा साथ खड़े रहे
पापा मुझे आगे बढ़ाने में हमेशा एक्साइटेड रहते थे। यहां तक की बचपन में रिले रेस में भी वो बहुत राउड होकर मुझे एनकरेज करते थे। जब वे अपना इलाज करवा रहे थे, तो व्हीलचेयर पर मेरे अवॉर्ड फंक्शन में मेरे साथ थे। और उन्होंने खड़े होकर स्पीच दी। वे हर समय मेरे लिए खड़े रहते थे।
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यूनिफॉर्म से मिस वल्र्ड तक का सफर
जब मुझे मिस वल्र्ड का खिताब मिला, तब मैं मात्र 18 साल की थी। जिस नवम्बर मैं मिस वल्र्ड बनीं, उससे लास्ट नवम्बर में एक स्कूल गर्ल थी। मैंने हमेशा अपने मन की सुनी है। मेरी कोई रूल बुक नहीं हैं, अपने कॉन्फि डेंस से आगे बढ़ी। मेरा कॅरियर कभी मेरे कोएक्टर की वजह से नहीं चला। छोटे या फिर बड़े रोल मैंने अपनी मर्जी से चुने हैं।
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