बॉर्डर के इतिहास को किया जाएगा बयां
पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि बॉर्डर और इसके संबद्ध इतिहास पर्यटकों पर अनूठा आकर्षण रखता है। बीएसएफ की ओर से तनोट माता मंदिर परिसर को टूरिज्म से जोड़ते हुए नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जा रहा है। समृद्ध ऐतिहासिक भव्यता की पृष्ठभूमि में भारत-पाकिस्तान सीमा की आभा पर्यटकों को जीवन भर संजोने की स्मृति प्रदान करेगी।
एम्पीथिएटर, कैफेटेरिया बनेगा
टूरिज्म के नजरिए से लोगेंवाला बॉर्डर को डवलप करने की प्लानिंग है। अभी तक तनोट माता मंदिर में तीन हजार के करीब लोग दर्शन के लिए आते है, उनमें से कुछ पर्यटकों को जिला प्रशासन की अनुमति के बाद बावलियावाला सीमा पर भी जाने का मौका मिलता हैं। हालांकि, यहां आगंतुकों के लिए सीमित सुविधाएं ही उपलब्ध हैं। अब एम्फीथिएटर, चिल्ड्रन एक्टिविटी एरिया, कैफेटेरिया और अन्य सुविधाओं के साथ तनोट मंदिर परिसर को भी टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया जाएगा।
दिखाई जाएगी बीएसएफ डॉक्यूमेंट्री टूरिज्म को बॉर्डर टूरिज्म के तहत बीएसएफ डॉक्यूमेंट्री, हथियार प्रदर्शनी और फोटो गैलरी को तनोट में ऑप्स बेस पर प्रदर्शित किया जाएगा। पर्यटकों को बावलियावाला बॉर्डर पर जाने और बॉर्डर पॉइंट पर रिट्रीट समारोह देखने को मिलेगी। जैसलमेर जिला प्रशासन भी बावलियांवाला के क्षेत्र को विकसित कर रहा है और आगंतुकों की सुविधा प्रदान कर रहा है।