रचनाओं से रचा आध्यात्मिक परिवेश कार्यक्रम की शुरुआत मनस्विनी ने गणेश वंदना पर आधारित नृत्य से की। इसके बाद नृत्य श्लोक में उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि जो व्यक्ति पूरे मन और पूरी आत्मा के साथ नृत्य करता है, उसके जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। माखन चोरी नृत्य में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहारी प्रदर्शन किया। होरी रचना के माध्यम से होली के उल्लास की झांकी दिखलाई। उन्होंने मीरा के भजन ‘म्हारा ने गिरधर गोपाल’ में मीरा की मनोदशा का वर्णन करने के बाद तराना से कार्यक्रम को विराम दिया। राजस्थान फोरम की एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी अपरा कुच्छल ने बताया कि आगामी कड़ी में 19 अप्रेल को गीतकार भव्य सोनी और गायक व म्यूजिक कंपोजर देवव्रत भट्ट का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।