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फॉरेन एजुकेशन के लिए सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, स्विट्जरलैंड और पोलैंड बन रहे नई पसंद

locationजयपुरPublished: May 14, 2019 08:57:23 pm

Submitted by:

Pushpendra Sharma

– आइओटी, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स ने किया आकर्षित

foreign education

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जयपुर. इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग, बिग डेटा, क्लाउड और रोबोटिक्स जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजी हैं। अनुमान है कि आने वाले समय में मैनपावर का एक बड़ा हिस्सा ये टेक्नोलॉजी ले लेंगी। शायद यही वजह है कि आज के स्टूडेंट्स की डिमांड ये टेक्नोलॉजी हैं। इंडियन यूनिवर्सिटीज के कॅरिकुलम में भले ही ये कोर्सेज आने में समय लगे, लेकिन फॉरेन यूनिवर्सिटीज में इन कोर्सेज ने इंडियन स्टूडेंट्स को अट्रेक्ट करना शुरू कर दिया है। साथ ही बिजनेस, फैशन, आर्किटेक्चर, एरोस्पेस, बिजनेस एनालिटिक्स जैसे कोर्सेज के लिए सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्विट्जरलैंड और पोलैंड नई चॉइसेज के रूप में डवलप हो रहे हैं। फॉरेन एजुकेशन एक्सपट्र्स का कहना है कि यूएस और यूके तो हमेशा से ही इंडियन स्टूडेंट्स की चॉइस में रहे हैं, लेकिन इन कंट्रीज की गवर्नमेंट की फॉरेन एजुकेशन पॉलिसी ने स्टूडेंट्स को खासा आकर्षित किया है। यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्सेज के लिए स्टूडेंट्स इन कंट्रीज का रुख कर रहे हैं।
ये हैं वजह
फॉरेन एजुकेशन एक्सपर्ट आयुष पेरीवाल के अनुसार, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग जैसी कंट्रीज की सरकार ने स्टूडेंट्स के लिए अच्छी पॉलिसीज और स्कीम्स बनाई हैं। यूनिवर्सिटीज को फंड किया है और वे चाहते हैं कि दुनियाभर से बेस्ट ब्रेन सामने आएं। वहीं इन कंट्रीज का पीसफुल एन्वायर्नमेंट भी पैरेंट्स की चिंता कम कर रहा है। फॉरेन एजुकेशन एक्सपर्ट पवन सोलंकी के अनुसार, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के लिए भी जयपुर के स्टूडेंट का रुझान देखने को मिल रहा है। कई कंट्रीज में सरकार की तरफ से स्टेबैक वीजा मिलता है। जिसके तहत स्टूडेंट पढ़ाई के बाद तीन साल तक वहां रह सकते हैं। जबकि यूएस और यूके में चार महीने में जॉब करना जरूरी है।
इंटर्नशिप के लिए डवलपिंग कंट्रीज का रुख
फॉरेन एजुकेशन एक्सपर्ट नीलाक्षी चतुर्वेदी का कहना है कि स्टूडेंट्स इंटर्नशिप के लिए अब डवलपिंग कंट्रीज का रुख कर रहे हैं। इन कंट्रीज में न केवल स्टूडेंट्स को बेहतर लर्निंग मिल रही है, बल्कि उन्हें पेड इंटर्नशिप के मौके मिल रहे हैं।
टॉप कंट्रीज
यूएस
यूके
जर्मनी
स्विट्जरलैंड
पोलैंड
सिंगापुर
हॉन्गकॉन्ग

टॉप यूनिवर्सिटीज
येल यूनिवर्सिटी
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी
कोलंबिया यूनिवर्सिटी
ब्राउन यूनिवर्सिटी
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी
स्टेंडफोर्ड
ड्यूक
एनवाययू शिकागो
एनटीयू, एनयूएसएचकेयू,
एचकेयूएसटी
वर्सो यूनिवर्सिटी

फॉरेन एजुकेशन में फर्जीवाड़े से बचने की सावधानियांं?
– ऑथराइज कंपनीज फ्री सर्विस देती हैं
– ज्यादातर फॉरेन यूनिवर्सिटी एप्लीकेशन फीस तक वेवर कर देती हैं – सैट एग्जाम को सिर्फ यूएस की यूनिवर्सिटीज के लिए लिया जाता है, इसके नाम पर ठगी होती है।
– अन्य किसी कंट्री के लिए सीबीएसई स्कोर पर 90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप मिलती है
– आइलेट सिर्फ वीजा के लिए देना होता है, जिसमें सिर्फ 10 वीं के लेवल की इंग्लिश पूछी जाती है। कई यूनिवर्सिटीज इसकी तैयारी का पैसा भी रिफंड कर देती हैं। इसलिए इसके नाम पर किसी भी तरह के बहकावे में न आएं।
– पसंदीदा यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर ऑथराइज एडवाइजर्स की डीटेल्स होती हैं, उन्हें देखें
– काउंसलर का सर्टिफिकेशन चैक करें

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