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मोहिनी एकादशी 2025: लाल सूती पोशाक में मोहा मन, गोविंददेवजी के अलौकिक रूप को निहारते रहे भक्त, देखें तस्वीरें

Mohini Ekadashi 2025: समुद्र मंथन के समय देवता और दानवों के बीच अमृत कलश को लेकर युद्ध हुआ। भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर सभी को मोहित कर दिया।

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जयपुर

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Savita Vyas

May 08, 2025

वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी पर जयपुर स्थित गोविंद देवजी मंदिर में सुबह से भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गईं। मंदिर में भीड़ को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए।

वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी पर जयपुर स्थित गोविंद देवजी मंदिर में सुबह से भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गईं। मंदिर में भीड़ को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए।


ठाकुरजी को लाल सूती पोशाक पहनाई गई और गोचारण लीला के आभूषणों से श्रृंगार कर फलों का भोग अर्पित किया गया। इस दौरान भक्त अपने आराध्य को टकटकी लगाए निहारते नजर आए।

ठाकुरजी को लाल सूती पोशाक पहनाई गई और गोचारण लीला के आभूषणों से श्रृंगार कर फलों का भोग अर्पित किया गया। इस दौरान भक्त अपने आराध्य को टकटकी लगाए निहारते नजर आए।

भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा को समर्पित मोहिनी एकादशी मातंग व हर्षण के विशेष योग में मनाई जा रही है। शहर के मंदिरों में ठाकुरजी की विशेष झांकी सजाई गई हैं। वहीं एकादशी होने से दिन भर दान-पुण्य का दौर चलेगा।

भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा को समर्पित मोहिनी एकादशी मातंग व हर्षण के विशेष योग में मनाई जा रही है। शहर के मंदिरों में ठाकुरजी की विशेष झांकी सजाई गई हैं। वहीं एकादशी होने से दिन भर दान-पुण्य का दौर चलेगा।


शहर में गोपीनाथजी, राधा दामोदर जी, चांदनी चौक स्थित मंदिर श्री ब्रजनिधिजी, आनंदकृष्ण बिहारी, गोनेर के जगदीश महाराज, श्री कृष्ण बलराम मंदिर, इस्कॉन व अक्षरधाम सहित अन्य मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

शहर में गोपीनाथजी, राधा दामोदर जी, चांदनी चौक स्थित मंदिर श्री ब्रजनिधिजी, आनंदकृष्ण बिहारी, गोनेर के जगदीश महाराज, श्री कृष्ण बलराम मंदिर, इस्कॉन व अक्षरधाम सहित अन्य मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

धर्मग्रंथों के अनुसार, इस एकादशी का व्रत यज्ञ और वैदिक कर्मकांड से भी अधिक पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है। भगवान विष्णु ने आज ही के दिन मोहिनी अवतार धारण किया था, इसलिए इस व्रत का नाम मोहिनी एकादशी रखा गया।

धर्मग्रंथों के अनुसार, इस एकादशी का व्रत यज्ञ और वैदिक कर्मकांड से भी अधिक पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है। भगवान विष्णु ने आज ही के दिन मोहिनी अवतार धारण किया था, इसलिए इस व्रत का नाम मोहिनी एकादशी रखा गया।

गोनेर स्थित लक्ष्मी जगदीश मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। दूर दराज के भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

गोनेर स्थित लक्ष्मी जगदीश मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। दूर दराज के भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं।