मान्यता है कि भक्तों के लिए कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में देवता भगवान की पूजा करते हैं। गौरतलब है कि इस साल बद्रीनाथ और केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे थे।
शीतकाल में भगवान बद्रीनाथ की उत्सव मूर्ति जोशीमठ और भगवान केदारनाथ की मूर्ति ऊखीमठ में रखी जाती है। अगले छह माह तक इन्हीं जगहों पर भगवान की पूजा की जाएगी। परंपरा के अनुसार दशहरा के मौके पर धामों के कपाट बंद करने का समय तय किया गया। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में आयोजित समारोह में पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का समय तय किया गया।