script‘शांति का स्वर्ग’ है यह शक्तिपीठ, रावण ने की थी इसकी स्थापना | Shardiya Navratri 2019: story of shaktipeeth Shankari Devi Temple | Patrika News

‘शांति का स्वर्ग’ है यह शक्तिपीठ, रावण ने की थी इसकी स्थापना

locationभोपालPublished: Oct 06, 2019 12:33:02 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर माता सती के शरीर का उसंधि हिस्सा गिरा था।

shaktipeeth Shankari Devi Temple
भारत में देवी-देवताओं के अनेकों चमत्कारी मंदिर हैं, जहां दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। हर एक धार्मिक स्थल का अपना एक खास महत्व है। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मां के शक्तिपीठों में एक माना जाता है।

इस धार्मिक स्थल का नाम है शंकरी देवी मंदिर। यह मंदिर श्रीलंका के कोलंबो से लगभग 250 किमी दूर त्रिकोणमाली नामक स्थान पर स्थित है। यहां आने वाले श्रद्धालु इसे शांति का स्वर्ग कहते हैं। यहां श्रीलंका के अलावा भारत के तमिलनाडु से श्रद्धालु सबसे अधिक आते हैं। तमिलभाषी हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है।
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नवरात्र पर यहां कई विशेष आयोजन किये जाते हैं। बताया जाता है कि नवरात्रि में यहां हर दिन 500-1000 श्रद्धालु आते हैं और शंकरी देवी के दर्शन करते हैं। अष्टमी और नवमी पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर माता सती के शरीर का उसंधि हिस्सा गिरा था। यही कारण है कि इस स्थान को शक्तिपीठ कहा जाता है। कुछ धार्मिक ग्रंथों में यहां पर देवी सती का कंठ नूपुर गिरने का भी उल्लेख किया गया है। यहां की शक्ति इन्द्रक्षी और राक्षेश्वर हैं।
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बताया जाता है कि शंकरी देवी मंदिर की स्थापना रावण ने की थी। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर भी है, जिन्हें त्रिकोणेश्वर या कोणेश्वरम के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि यहां पर शिव और शक्ति की पूजा एक साथ की जाती है।
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