तीर्थ यात्रा

रोजाना कुछ देर के लिए गायब हो जाता है यह शिव मंदिर, जानिए क्या है राज

एक शिव मंदिर रोजाना थोड़ी देर के लिए पूरी तरह से गायब हो जाता है, उस दौरान मंदिर की जगह कुछ नहीं दिखता

May 03, 2016 / 02:50 pm

सुनील शर्मा

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आप यह सुनकर भले ही चौंक जाए लेकिन यह सच है कि एक शिव मंदिर रोजाना थोड़ी देर के लिए पूरी तरह से गायब हो जाता है। उस दौरान मंदिर की जगह कुछ नहीं दिखता और पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के वापस आने तक इंतजार करना पड़ता है।

शिवपुराण में भी है उल्लेख
हम बात कर रहे हैं गुजरात के स्तंभेश्वर महादेव मंदिर की, जो रोजाना दिन में दो बार (सुबह और शाम) को कुछ देर के लिए आंखों से ओझल हो जाता है। यह मंदिर गुजरात में बड़ोदरा से 40 मील की दूरी पर अरब सागर के कैम्बे तट पर स्थित है। इस तीर्थस्थल का उल्लेख ‘श्री महाशिवपुराण’ में रुद्र संहिता भाग-2, अध्याय 11 में भी किया गया है। मंदिर की खोज आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व की हुई थी। मंदिर में विराजमान शिवलिंग लगभग 4 फुट ऊंचा तथा दो फुट के व्यास का है। मंदिर को देखते समय उसके पीछे अरब सागर का विहंगम दृश्य दिखाई देता है।

इसलिए गायब होता है मंदिर
समुद्र किनारे होने के कारण जब भी समुद्र में ज्वार आता है, यह मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब जाता है। ज्वार के उतरते ही मंदिर पुनः दिखाई देने लगता है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले भक्तजनों के लिए विशेष रूप से पर्चे भी बांटे जाते हैं जिनमें ज्वार आने का समय लिखा होता है ताकि श्रद्धालुओं को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। मंदिर के पुजारियों तथा स्थानीय निवासियों के अनुसार ऐसा मंदिर की खोज के समय से ही हो रहा है। ज्वार आने के समय चारों ओर पानी ही पानी होने के कारण मंदिर में विराजमान शिवलिंग के दर्शन नहीं किए जा सकते। ज्वार उतरने पर ही दर्शन संभव हो पाते हैं।

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