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तीर्थ यात्रा

आज मंगलवार को चतुर्दशी तिथी पर बना आयुष्मान योग, इन कार्यों को करते ही हो जाएंगे मालामाल

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6 years ago
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चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि रात्रि १०.२५ तक, इसके बाद पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। चतुर्दशी तिथि में सामान्यत: अग्निविषादिक असद् कार्य, बंधन व शस्त्रादि दूषित कार्य प्रशस्त हैं। चतुर्दशी तिथि में क्षौर व यात्रा का त्याग करना चाहिए। पूर्णिमा तिथि अतीव शुभ होती है। नक्षत्र: पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि ८.१८ तक, इसके बाद पुष्य ‘क्षिप्र व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। यदि समय शुद्ध व तिथि शुभ हो तो पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, गमन, अलंकार, घर, व्रतादि, सवारी, विद्या व कृषि से सम्बंधित कार्य शुभ होते हैं। योग: विष्कुंभ नामक नैसर्गिक अशुभ योग प्रात: १०.३१ तक, इसके बाद प्रीति नामक नैसर्गिक शुभ योग अंतरात्रि ६.२६ तक, इसके बाद आयुष्मान नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: आज दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग रात्रि ८.१८ तक तथा रात्रि १०.२३ से राजयोग नामक शुभ योग है। करण: गर नामकरण दोपहर १२.०८ तक, इसके बाद रात्रि १०.२३ तक वणिज नामकरण, तदन्तर भद्रा प्रारम्भ हो जाएगी।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ९.५९ से दोपहर बाद २.०१ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा अपराह्न ३.२१ से सायं ४.४२ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१८ से दोपहर १.०१ बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।

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व्रतोत्सव: आज श्री ललिता व श्री राम चरण स्नेही जयंती, श्री जिनेन्द्र रथयात्रा (जैन), महात्मा गांधी निधन दिवस, शहीद दिवस, ११ बजे दो मिनट का मौन, कुष्ठ निवारण दिवस व अग्नि उत्सव (उड़ीसा में) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा अपराह्न ३.०१ तक मिथुन राशि में, इसके बाद कर्क राशि में प्रवेश रहेगा। दिशाशूल: मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज अपराह्न ३.०१ तक चन्द्रवास पश्चिम में व इसके बाद कर्क राशि के चन्द्रमा का वास उत्तर दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा लाभदायक रहता है। राहुकाल: अपराह्न ३.०० से सायं ४.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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