एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि दोपहर बाद १.४१ तक, तदुपरान्त द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि है। एकादशी तिथि में विवाहादि मांगलिक कार्य, जनेऊ, देवकार्य, वास्तु-गृहारंभ, प्रवेश, यात्रा व व्रतोपवास आदि और द्वादशी तिथि में सभी चर व स्थिर कार्य, जनेऊ और विवाहादि मांगलिक कार्य शुभ होते हैं। नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर १२.३१ तक, इसके बाद श्रवण ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में विवाह, देवस्थापन, वास्तु-गृहारम्भ, यात्रा व प्रवेश आदि के कार्य और इसी प्रकार श्रवण नक्षत्र में देवस्थापन, घर, पुष्टता, कारीगरी, जनेऊ और वाहन, सवारी आदि विषयक कार्य शुभ कहे गए हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ९.४० से दोपहर बाद २.०५ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा अपराह्न ३.३३ से सायं ५.०२ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१३ से १.०० बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रसूतिस्नान, विद्यारम्भ व हलप्रवहण के शुभ व श्रवण नक्षत्र में विवाह का (केतुयुति दोषयुक्त) व उ.षा. में (मृत्युबाण दोषयुक्त) मुहूर्त है।
योग: परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग रात्रि ९.२३ तक, इसके बाद शिव नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग दोपहर १२.३१ से दोपहर बाद १.४१ तक है। कुमार योग में शिक्षा-दीक्षा, मैत्री और व्रतादि शुभ होते हैं। करण: बालव नामकरण दोपहर बाद १.४१ तक, तदुपरान्त कौलवादि करण हैं।
व्रतोत्सव: आज पापमोचनी एकादशी व्रत सबका है। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि मकर राशि में है। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: आज दोपहर बाद २.५१ पर बुध रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेगा। दिशाशूल: मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: अपराह्न ३.०० से सायं ४.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।