यह मंदिर कर्नाटक ( Karnatak ) के उडुपी ( udupi ) शहर में स्थित है। भगवान कृष्ण ( Lord Krishna ) का यह मंदिर बेहद विलक्षण मंदिरों में एक है। यहां पर आने वाले कृष्ण भक्त कन्हैया का दर्शन खिड़की से करते हैं। इस मंदिर की स्थापना 13वीं सदी में संत श्री माधवाचार्या ने की थी। बताया जाता है कि एक बार भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त कनकदास यहां आये। वे बाल-गोपाल का दर्शन करना चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हे अंदर नहीं जाने दिया गया।
उसके बाद कनकदास ने कन्हैया से दर्शन देने की प्रार्थना की। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपने दर्शन कराने के लिए अनोखा रास्ता निकाला। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने पहले से स्थापित उस मंदिर में पीछे से एक खिड़की बना दी। इसके बाद कनकदास ने खिड़की से अपने आराध्य का दर्शन किया। बताया जाता है कि तब से ही यहां पर खिड़की से दर्शन की परंपरा शुरू हो गई। आज भी यहां आने वाले श्रद्धालु खिड़की से ही कन्हैया के दर्शन करते हैं।
अद्भुत है प्रतिमा 13वीं शताब्दी में बने उडुपी के श्रीकृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की बड़ी सी मूर्ती स्थापित है। यहां पर स्थापित प्रतिमा कृष्ण की युवा अवस्था की है। इसमें कन्हैया मखानी और रस्सी पकड़े हुए हैं। इस प्रतिमा को दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दुनियाभर से आते हैं।
इस समय कर सकते हैं कन्हैया के दर्शन यहां आने वाले भक्त भगवान कृष्ण का दर्शन सुबह 6.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक कर सकते हैं। इसके अलावे शाम में 5 से दर्शन कर सकते हैं। उडुपी के श्रीकृष्ण मंदिर में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच सुबह की पूजा का विधान है।