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3703 लाख की प्रस्तावित बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को नहीं मिली स्वीकृति

locationपीलीभीतPublished: May 13, 2019 03:43:59 pm

-भेजे गए थे नौ परियोजनाओं के प्रस्ताव वित्तीय स्वीकृति मिली दो को

flood situation

3703 लाख की प्रस्तावित बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को नहीं मिली स्वीकृति

पीलीभीत। पीलीभीत को प्रदेश में बाढ़ के मामले में सबसे संवेदनशील जिलों में शुमार किया जाता है। बावजूद इसके कुल नौ बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं में से मात्र दो को ही वित्तीय स्वीकृति मिली लेकिन धनावंटन नहीं हुआ। शेष 3703 लाख रुपए की सात परियोजनाओं को तो वित्तीय स्वीकृति हीं नहीं मिली। इसके चलते इस बार स्थिति भयावह हो सकती है। शेष सात में छह परियोजनाएं केवल देवहा नदी की हैं जिनको अभी तक वित्तीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।
वित्तीय स्वीकृति मिली लेकिन धनावंटन नहीं

बाढ़ खंड बाढ़ के बाद क्षतिग्रस्त और कटान वाले क्षेत्रों में सर्वे के उपरांत बाढ़ नियंत्रण की परियोजनाएं तैयार करता है। इन परियोजना पर सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारी अध्ययन करने के बाद स्वीकृति के लिए सिंचाई विभाग को परियोजना भेज देंते हैं। इन पर बाढ़ आने से पूर्व कार्य आरंभ कराया जाता है। वित्तीय स्वीकृति के बाद बाढ़ खंड टेंडर कर कार्य आरंभ कर देता है। धनावंटन बाद में हो जाता है। बाढ़ खंड पूरनपुर ने जिले में बाढ़ नियंत्रण की कुल नौ परियोजनाएं तैयार की थीं। इन परियोजनाओं को स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया था। लेकिन इन योजनाओं में से मात्र दो परियोजनाओं को ही स्वीकृति और वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इनमें से एक परियोजना राणा प्रताप नगर और दूसरी मार्जिनल बांध की ढाई किलोमीटर की परियोजना को वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई। वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के बाद इन पर कार्य भी आरंभ हो गया लेकिन हाल में ही शारदा नदी में पानी का स्तर बढ़ जाने के कारण राणा प्रताप नगर में कार्य धीमी गति से चल रहा है। हालांकि महत्वपूर्ण बात यह है कि इन परियोजना के लिए वित्तीय स्वीकृति अवश्य मिली हो लेकिन धनावंटन अभी नहीं हुआ है। यह दोनों परियोजना शारदा नदी पर चल रही हैं।
महाराजपुर की 683 लाख की प्रस्तावित योजना भी स्वीकृति नहीं

इसके अलावा सात बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं जो स्वीकृति के लिए भेजी गई थीं, उनमें से पांच तो देवहा नदी पर हैं। जबकि दो योजनाएं शारदा नदी पर हैं। शारदा मार्जिनल बांध पर ढ़ाई किलोमीटर की एक परियोजना को तो स्वीकृति प्रदान कर दी जबकि ढाई किलोमीटर की दूसरी परियोजना को स्वीकृति नहीं मिली। शारदा नदी पर ही मझारा वीरखेड़ा महाराजपुर की 683 लाख की प्रस्तावित योजना को भी स्वीकृति नहीं मिली है।
देवहा नदी पर सबसे महत्वपूर्ण सिमरिया ताराचंद्र ज्योराह कल्याणपुर परियोजना को स्वीकृति नहीं मिली है। यदि इस परियोजना को आरंभ नहीं किया गया तो पीलीभीत-बीसलपुर मार्ग को खतरा हो सकता है। इसके लिए कुल 736 लाख की योजना तैयार की गई थीं। यदि इस पर कार्य नहीं हुए तो भयावह स्थिति से दो चार होना पड़ेगा। इसके अलावा 562 लाख की प्रस्तावित मुडिया कुंडरी शेखापुर जगीपुर परियोजना, देवहा पर ही 669 लाख की कर्रखेडा रम्पुरा हुक्मी परियोजना, 248 लाख की चिनौरा भैसहा अन्य गांव की परियोजना, 246 लाख की प्रस्तावित रायपुर गाजीपुर सिमरिया जागीर परियोजना शामिल हैं।
जनप्रतिनिधियों ने नहीं ली रूचि

बाढ़ नियंत्रण की इन परियोजनाओं को स्वीकृति दिलाने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कोई रूचि नहीं ली है। हालांकि अधिशासी अभियंता बाढ़ खण्ड शैलेश कुमार बताते हैं कि उन्होंने इस संबंध में विधायकों से आग्रह किया था। उन पर विधायकों ने इनके प्रस्ताव मांगे हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है।
सर्वे के बाद तैयार की गई परियोजना

अधिशासी अभियंता शैलेश कुमार बताते हैं कि पिछली बाढ़ के बाद हुए कटान तथा अन्य नुकसान को रोकने के लिए विभागीय स्तर से सर्वे कराया जाता है। सर्वे के बाद जो बाढ़ नियंत्रण परियोजना आवश्यक होती है, उनका प्रस्ताव तैयार कराया जाता है। सर्वे के बाद ही इन परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार किये गए थे।
वीडियो के जरिए देखिए शाहजहांपुर की खबर–

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