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अखिलेश यादव ने वापस लिया पूर्व जिला उपाध्यक्ष का निष्कासन

locationपीलीभीतPublished: Dec 10, 2019 12:52:02 pm

– लोकसभा चुनाव में लगे थे संगीन आरोप

अखिलेश यादव ने वापस लिया पूर्व जिला उपाध्यक्ष का निष्कासन

अखिलेश यादव ने वापस लिया पूर्व जिला उपाध्यक्ष का निष्कासन

पीलीभीत। पीलीभीत की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से निष्कासित हुए नरेंद्र मिश्रा उर्फ कट्टर का निष्कासन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के विचार विमर्श के बाद निरस्त कर दिया गया है। एक बार फिर नरेंद्र मिश्रा उर्फ कट्टर को समाजवादी पार्टी में जगह मिल गई है। वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा के खेमे में निराशा का माहौल है। राजनीतिक गलियारों में इसे हेमराज वर्मा के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है क्योंकि जिस तरह से कट्टर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था तब पार्टी में फिर से बापसी बेहद मुश्किल मानी जा रही थी।
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आखिर क्यों पार्टी से निष्कासित हुए थे कट्टर
बीते लोकसभा चुनाव में पीलीभीत में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हेमराज वर्मा बनाए गए थे जिनका सीधा मुकाबला भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी से था। हेमराज वर्मा ने अपनी ही पार्टी के नेता व अपने जिगरी दोस्त रहे नरेंद्र मिश्रा उर्फ कट्टर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाया था व चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने की बात कही थी जिसके बाद सपा के हाईकमान ने कट्टर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
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राजनीति के चक्कर में खराब हो गई दोस्ती
एक दौर था जब पीलीभीत में हेमराज वर्मा और कट्टर की दोस्ती एक मिसाल हुआ करती थी या यूं कहें कि दोनों दोस्त कम और भाई ज्यादा थे। राजनीति के हर उतार-चढ़ाव को दोनों ने एक साथ रहकर देखा फिर अचानक राजनीति ने एक ऐसा मोड़ लिया कि दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। पीलीभीत के एक ही गांव के रहने वाले नरेंद्र मिश्रा और हेमराज की दोस्ती बरसों पुरानी है। हेमराज के राजनैतिक जीवन की शुरुआत उनके गांव की प्रधानी से हुई जिसमें हमेशा की तरह प्रस्तावक नरेंद्र मिश्रा उर्फ कट्टर रहे। फिर पीलीभीत की बरखेड़ा विधानसभा से चुनाव लड़कर हेमराज विधायक बने। वहीं अखिलेश के करीबी होने का हेमराज को फायदा मिला और उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। इसी बीच हेमराज ने अपने छोटे भाई अरुण वर्मा को मरौरी ब्लॉक का प्रमुख बनवाया सूत्रों की मानें तो इस ब्लॉक प्रमुख पद की दावेदारी में कट्टर का भी नाम था, लेकिन पूर्व मंत्री हेमराज ने दोस्त से ज्यादा भाई में भरोसा जताने के बाद दोनों के रिश्ते में फूट पैदा होती चली गई। वहीं कभी पीलीभीत में मंत्री के खास खास रहे कट्टर को हेमराज से अलग होना पड़ा। जिसके बाद हेमराज ने उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए चुनाव में सपा से अलग-थलग करा दिया।
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पार्टी के अध्यक्ष के फैसले पर पूर्व राज्य मंत्री का छलका दर्द
सपा के पूर्व राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा ने कट्टर की घर वापसी पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी को वफादार लोगों की जरूरत है जो हमेशा पार्टी को मजबूत करने का काम करे, ऐसे लोगों की नहीं जो पार्टी की फिजा खराब करें।
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