यह है पूरा मामला
वर्ष 1969 से 1970 के बीच भारत सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान वर्तमान बांग्लादेश से 115 विस्थापित परिवारों को लाकर सर्वप्रथम ट्रांजिट कैंप रूद्रपुर वर्तमान उत्तराखंड में बसाया था। इसके पश्चात उन लोगों को जनपद पीलीभीत तहसील पूरनपुर ग्राम चंदिया हजारा में सन 1976 में 300 परिवारों को 33 एकड़ कृषि भूमि एवं 115 परिवारों को 2.5-2.5 एकड़ कृषि भूमि एवं 12 डिसमिल की आवासीय भूमि देकर बसाया था। इसके पश्चात उन लोगों के साथ आए हुए लोगों को पट्टा मालिकाना हक दिया गया था। पीलीभीत जिले के कई गांव की तहसीलों में दर्ज किया गया था। परंतु 415 विस्थापित परिवारों का नाम केवल पुनर्वास विभाग ने एक प्रमाण पत्र पर ही जारी किया। जिनका केवल 3 एकड़ एवं 2.5 एकड़ भूमि देकर पुनर्वास किया जा रहा है। लेकिन आज तक कृषि भूमि का मालिकाना हक इन लोगों को प्राप्त नहीं हुआ है। इसी बात को लेकर आज समस्त 415 विस्थापित परिवारों ने जिला अधिकारी पीलीभीत को ज्ञापन देकर उक्त जमीन के मालिकाना हक दिए जाने की मांग की है। वहीं पूरे मामले में नायब तहसीलदार अनुराग सिंह ने जांच के बाद इन ग्रामीणों को उनका हक़ दिलाने की बात कही है।