बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि शासन द्वारा भेजी गई सूची में प्राथमिक विद्यालय सुहास में तैनात शिक्षिका नीरजा देवी का नाम पाया गया है। इसके बाद उक्त शिक्षिका से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। शिक्षिका को एक सप्ताह का समय दिया गया है। स्पष्टीकरण न देने पर शिक्षिका की बर्खास्तगी करने के साथ वेतन रिकवरी आदि की कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षिका मार्च 2016 से जनपद में अध्यापन कार्य कर रही है।
ये है पूरा मामला
दरअसल प्रदेश सरकार को जानकारी हुई थी कि आगरा विवि से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने वर्ष-2005 में बिना प्रवेश लिये बीएड की डिग्री प्राप्त की है। ये लोग परिषदीय विद्यालयों सहित तमाम जगहों पर बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक-शिक्षिकाओं की नौकरी कर रहे हैं। लेकिन सत्यापन की जानकारी कराये जाने की जानकारी होते ही गड़बड़ी करके सत्यापन सही करवा लेते है। इससे उनकी नौकरी पर असर नहीं पड़ रहा है। इस मामले को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए एसआईटी से जांच करवायी थी। उस दौरान जांच में करीब पांच हजार ऐसे फर्जी बीएड डिग्री धारक का खुलासा हुआ। एसआईटी ने प्रदेश सरकार को संस्तुत किया था कि ऐसे लोगों की एक बार फिर से जांच करवाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।