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गन्ना की तोल न होने पर किसानों का फूटा गुस्सा, चीनी मिल में की तोड़फोड़

locationपीलीभीतPublished: Nov 11, 2017 05:53:52 pm

गन्ना किसानों ने मिल प्रबंधन पर घटतौली का आरोप लगाया है।

Farmers commotion

Farmers commotion

पीलीभीत। गन्ना की तोल न होने पर आक्रोशित किसानों ने शनिवार को बजाज चीनी मिल बरखेड़ा में जमकर हंगामा किया। किसानों ने मिल में तोड़फोड़ कर दी और पथराव भी किया। सूचना मिलते ही बरखेड़ा पुलिस सहित एसडीएम व सीओ बीसलपुर मौके पर पहुंच गए और किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया। किसानों का आरोप था कि मिल में दलालों के गन्ने की तोल पहले हो रही है, जबकि जो किसान कई दिनों से लाइन में खड़े उनका गन्नान नहीं तोला जा रहा था। उन्होंने मिल प्रबंधन पर घटतौली करने का भी आरोप लगाया है।
मिल में हंगामा और पथराव
बजाज शुगर मिल बरखेड़ा शुरुआत से ही विवादों में घिरी हुई है। आरोप है कि मिल गन्ना किसानों को समय से भुगतान नहीं देती है। यहां दलालों का भी बोलबाला है। मिल प्रबंधन द्वारा गन्ना तोल के कांटे के आगे एक दीवार बनाकर खड़ी कर दी गयी है। किसानों का आरोप है कि ये दीवार इसलिए बनायी गयी है ताकि जो गन्ना माफिया गन्ना भेजते हैं, उनका गन्ना पीछे के रास्ते से तोलकर अंदर पहुंचा दिया जाए। बस इसी बात से खफा गन्ना किसानों ने शनिवार सुबह विरोध किया। मिल में दीवार बनाने से गुस्साए किसानों ने बजाज चीनी मिल की नवनिर्मित दीवार तोड़ते हुए जमकर पथराव किया।
मिल प्रबंधन पर लगाए आरोप
किसानों के मुताबिक बरखेड़ा स्थित बजाज शुगर फैक्ट्री के चीनी यार्ड में एक दीवार खड़ी थी। इसको लेकर किसानों में आक्रोश था। किसानों का कहना था कि यार्ड में दीवार खड़ी हो जाने के कारण सड़क पर गन्ना लदे वाहन खड़ा करना पड़ता है। सड़क पर वाहन खड़े होने के बाद जाम लगता है और पुलिस उनपर कार्रवाई करती है। इसको लेकर मिल प्रशासन से शिकायत भी की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। किसानों का यह भी आरोप है कि दलालों का गन्ना फौरन तोला जा रहा है और वो लोग दो दिन से खड़े हैं। वहीं मिल प्रबंधन तोल में हेराफेरी कर रहा है और घटतौली कर रहा है।
दीवार को हटवाई
सूचना पर एसडीएम बीसलपुर जेपी सिंह व सीओ प्रवीण मलिक तीन थानों की पुलिस और पीएसी लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया। सीओ बीसलपुर प्रवीण मलिक ने बताया कि जिस दीवार को लेकर विवाद हुआ है। दीवार को प्रशासन द्वारा हटवा दिया गया है। स्थिति अब शान्तिपूर्ण है और किसानों को समझा दिया गया है।

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