मजिस्ट्रेट ने स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं पाया ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के प्रदेश महासचिव शिवनारायण सिंह चौहान ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 में गन्ना खरीद में अनियमितता बरतने की शिकायत की थी। इस शिकायत पर 10 मार्च 2017 को आई जाचं रिपोर्ट के आधार पर मामले को कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट डाॅ.अखिलेश मिश्र ने प्रधान प्रबंधक चीनी मिल एलएच शुगर फैक्ट्रीज लि. को गन्ना पूर्ति तथा खरीद नियमावली 1954 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था। प्रबंधक ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया। प्राप्त स्पष्टीकरण का अवलोकन एवं अध्ययन करने के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं पाया।
मिल प्रबंधन को झटका जिला मजिस्ट्रेट ने नियमावली के नियम 122 के अंतर्गत अध्यासी/प्रधान प्रबंधक पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया है कि मिल अध्यासी उक्त धनराशि को लेखा शीर्षक में जमा कर ट्रेजरी चालान गन्ना निरीक्षक एवं सहायक चीनी आयुक्त बरेली के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर प्रेषित करें। जिला मजिस्ट्रेट के इस आदेश से मिल प्रबंधन को झटका लगा है। इधर एक बार फिर शिवनारायण सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि इस मामले में की गई जांच में गन्ना निरीक्षक एवं सहायक आयुक्त चीनी बरेली द्वारा अपर गन्ना आयुक्त शोध वीके शुक्ला की जांच में दोषी पाये गए एलएच शुगर मिल के प्रबंध तंत्र के खिलाफ आपराधिक मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया है।
इस पर आई एक अन्य जांच में सीओ सिटी धर्म सिंह मार्छल ने भी अपनी रिपोर्ट में जांच में आरोपों को सही बताते हुए इस मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी को भेजने का आग्रह पुलिस अधीक्षक से किया है। कुल मिलाकर यह मामला पूरी तरह से सिद्ध हो जाने के बाद भी गन्ना विभाग ने अभी तक मिल प्रबंधन तथा दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज कराया है।