यह हुई घटना
विदित होकि पीलीभीत के सेहरामऊ थाना क्षेत्र के चलुआ गांव के रहने वाले देवानंद रविवार को मैलानी बाज़ार से घरेलू सामान खरीदने गए थे। लौटते वक्त बाघ ने उनपर हमला बोल दिया जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। गांव में देवानंद की मौत हो जाने की ख़बर जैसे ही फैली उसके बाद दर्जनों लोग ट्रेक्टर व अन्य सवारियों से लाठी-डंडे़ लेकर जंगल के अंदर बाघ को खोजने निकल पडे़। तभी अचानक झाड़ियों में छुपे बैठे बाघ पर ग्रामीणों की नज़र पड़ गई और गुस्साए ग्रामीणों ने बाघ पर हमला बोल दिया और उसे तबतक मारते रहे जबतक उसकी मौत नहीं हो गई।
वन विभाग ने बताया
दुधवा टाइगर रिजर्व के वनरक्षक राम मोहन की ओर से सेहरामऊ उत्तरी थाना पुलिस ने गांव चलतुआ के रहने वाले बब्लू, मुकेश, लाल बहादुर, चौथी, सुभाष व ओम प्रकाश के साथ 20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने धारा 9/27, 31/51 वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 147, 148, 332, 353, 427, 504 व 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। वनरक्षक राम मोहन ने बताया कि शाम करीब 4.00 बजे जब वो मैलानी रेंज से गश्त कर रहे थे तभी गांव के उक्त लोगो को देखा उन्होंने व उनकी टीम ने देखा कि यह लोग बाघ को घेरे हुए है और उसे मार रहे है। टीम ने बाघ को बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन लोग नहीं माने और टीम के साथ भी मारपीट पर अमादा हो गए। जिसके बाद ग्रामीणों की ज्यादा संख्या देखते हुए यह लोग चले गए और आला अधिकारियों को इसकी खबर दी।
अब ग्रामीण केंद्रीय मंत्री से नाराज़
केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी का सेहरामऊ क्षेत्र में अपने दौरे पर थी और चलतुआ गांव के ग्रामीण उनसे मिलने पहुँचे लेकिन जब वो केंद्रीय मंत्री से नहीं मिल पाये तो उन्होंने नाराज़गी ज़ाहिर की। ग्रामीणों का कहना है कि वो उनकी सांसद है और जनता की सुनना उनका फर्ज है, केंद्रीय मंत्री को उनका पक्ष सुनना चाहिए थाजो उन्होंने नहीं सुना। यहां तब कि मृतक के परिजनों से भी नहीं मिली।