दुधवा नेशनल पार्क में रहने वाली गंगाकली और सुलोचना टाइगर ट्रैकिंग की एक्सपर्ट हैं और बाघों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम अक्सर इन दोनों मादा हाथियों की मदद लेता रहता है। सुलोचना और गंगाकली की जोड़ी अब तक कई आदमखोर बाघों को पकड़वाने में मदद कर चुकी है। पहले टाइगर को पकड़ने के लिए गंगाकली और पवनकली की जोड़ी थी लेकिन पवनकली की मौत के बाद अब सुलोचना और गंगाकली टाइगर अभियान में साथ जाती हैं।
पिछले वर्ष पीलीभीत, रामपुर और बरेली में नेपाल से आए दो जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया था हाथियों ने एक वनकर्मी को भी मौत के घाट उतार दिया था। इन जंगली हाथियों को खदेड़ने के लिए दुधवा से हाथियों को बुलाया गया था उस समय भी इन मादा हाथियों की जोड़ी आई थी और दोनों हाथियों को पकड़ा गया था।
माला रेंज कॉलोनी में आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार काम्बिंग कर रही है। गन्ने के खेत में बाघ के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। वनकर्मी गंगाकली और सुलोचना पर सवार होकर बाघ को खोज रहे हैं। बाघ को खोजने के लिए कैमेरे भी लगाए गए हैं।