पीलीभीत। राजधानी लखनऊ की शान गोमती नदी के उदगम स्थल को नया जीवन मिला है। जिले में गोमती की अविरल धारा फिर से बहने लगी है। इसका पूरा श्रेय यहां के जिलाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र और यहां की जनता को जाता है। बदहाल गोमती को नया रूप देने में जहां जिलाधिकारी ने हर मुमकिन कोशिश की, वहीं जनता ने श्रमदान के साथ-साथ एक समिति बनाकर चंदा इकट्ठा किया ताकि गोमती को पुनर्जीवन दिया जा सके। आपको बता दें कि गोमती के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों ने नदी की सैकडों एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया था और उस पर खेती कर रहे थे। इसके कारण गोमती दिन पर दिन सिकुड़ती जा रही थी। लेकिन अथक प्रयासों के बाद गोमती अपने पुराने स्वरूप में आने को तैयार हो गयी है। यहां अवैध कब्जे हटवाकर गोमती के अस्तित्व को बचाया जा रहा है।
गोमती के तट पर बने मंदिर का भी जीर्णोद्वार किया गया है। वहां रोज आरती होती है। वहीं मन्दिर और गोमती उदगम स्थल को और दार्शनिक बनाने के लिये यहां पार्क बनवाया जा रहा है ताकि इस स्थल को पर्यटन का भी रूप मिले।
शाम के समय सैकड़ों भक्त गोमती के तट पर आरती करते हैं।
रात में ये तट जगमगा उठता है। लखनऊ की दीपिका चतुर्वेदी गोमती के इतिहास पर एक डॉक्यूमेन्ट्री बना रही हैं जो जल्द ही पूरी होकर यूपी के पर्यटन की वेबसाइट पर प्रकाशित होगी।