पीलीभीत में भाजपा विधायक रामसरन वर्मा की छह करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करने आए थे।
Rajyapal Ram Naik
पीलीभीत. राज्यपाल राम नाईक रविवार को पीलीभीत में भाजपा विधायक रामसरन वर्मा के बुलावे पर एक डिग्री कालेज का शुभारंभ और छह करोड की योजनाओं का शिलान्यास करने आए। उद्घाटन समारोह को संबोधित करने के दौरान राज्यपाल की जुबान फिसल गयी और भाजपा विधायक को विकास पुरूष बताते हुये उनके लिए जनता से वोट मांगे। काम अच्छा है इसलिए वोट दें नाईक ने बताया कि यह जो सांसद और विधायकों को विकास निधि मिलती है उसकी शुरूवात उन्होंने करायी थी। जब सांसद था तो उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। प्रधानमंत्री नरसिंम्हा राव थे जबकि वित्तमंत्री मनमोहन सिंह थे। उनकी बात सदन में सभी ने मानी और विकास निधि की शुरुआत हुई। वे यहीं नहीं रुके विकास निधि की बात करते-करते भाजपा विधायक रामसरन वर्मा की छह करोड की योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद भाजपा विधायक की खूबियां गिनाने लगे। यही नहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि उनका (राम सरन वर्मा) काम अच्छा है और आप लोग उन्हें वोट दें क्योंकि उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल है। उन्होंने मतदाताओं से अनुरोध किया कि सभी लोग सौ प्रतिशत मतदान करें। शिक्षित तो आतंकवादी भी होता है राज्यपाल ने सही शिक्षा पर जोर देते हुए कहा शिक्षित तो आतंकवादी भी होता है लेकिन आप अपनी शिक्षा का सही इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि स्कूल-काॅलेज अब एक धंधा भी बनता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी शिक्षा की कमी है इसका कार्य यह संस्था कर रही है। इस लिये मै उनका अभिनंदन करता हूं।
विद्या से तय होता है देश का भविष्य राज्यपाल शिक्षा का महत्व बताते हुए बोले कि रोज अखबार खोलते हैं तो अपराध दिखाई देते है, आतंकी लोग दिखाई देते हैं। आज ही सुबह आतंकियो ने जम्मू कशमीर में हमला किया, अपने 17 जवान शहीद हुए हैं। जवानों ने उनके चार लोगों को भी मार गिराया, लेकिन यह आतंकवादी भी पढे लिखे हैं, अनपढ नहीं हैं। बंदूक कैसे चलाना है, कैसे किस समय पर कहां पहुंचना है, यह सारी जानकारी इलेक्ट्रानिक के माध्यम से देते रहते हैं। यह विद्या किसके हाथ में जाती है इसपर भी देश का भविष्य तय होता है।
शिक्षा का स्तर बढ़ाने का काम किया उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में शिक्षा का स्तर बढाने का काम किया। मैं यह नहीं कहता कि स्तर बढ गया है लेकिन बढ रहा है। उन्होंने कहा कि मैं 26 विश्वविधालयों का मुखिया हूं। मैं जब आया था तब यहां कुछ नहीं था, कभी क्लास नहीं लगते थे, कभी एक्जाम नहीं होते थे या फिर नकल माफिया हावी थे। साथ ही दीक्षांत समारोह भी नहीं होते थे। मैने सब कराया यही नहीं दीक्षांत समारोह मैने भारतीय संस्कृति के अनुरुप कराए। शिक्षकों को बनाना है भविष्य नाईक ने कहा कि आज का भविष्य शिक्षकों व महाविद्यालयों को बनाना है। उन्होने कहा कि मै जब पढता था तब एक गांव से मैने 10 वीं पास की उसके बाद पूना और मुम्बई से पढाई की और फिर राजनीति में आया। ऐसा ही भविष्य शिक्षकों को युवाओं का बनाना है।