यहां हुआ जोखिम भरा करतब
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’’ का नारा दे रहे हैं, वहीं यूपी के जनपद पीलीभीत जहां की सांसद केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी है के क्षेत्र में बाल विकास की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यहां जिले के कलेक्टर आवास से चंद कदमों की दूरी मासूम बच्चियों का ग्रुप जिन्हे स्कूल जाकर पढ़ना चाहिए था वो अपनी कला को प्रदर्शित करतब दिखाकर जीवन यापन करने के लिए मजबूर है। यह बच्चियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर दो जून की रोटी के लिए कतरब दिखा ही है। यहां अक्सर बाल मजदूरी, बाल श्रम जैसे तमाम मामले सामने आते रहते हैं। अधिकारी भी इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कुछ खास कदम उठाते नजर नहीं आते है।
क्या कहते हैं ज़िम्मेदार
पूरे मामले में जब जिला श्रमपर्वतन अधिकारी अरूण कुमार से बात की गई तो पहले वो बोले कि उनके अधिकार क्षेत्र में बालश्रम नहीं आता है, जब उनसे बच्चों को मुख्य धारा में जोढ़ने वाले बजट के बारे में पूछा तो बोले कि उनके पास बजट नहीं आया है।
यह है जिम्मेदार
जिले में बालश्रम को लेकर तमाम योजनाएं चल रही है जिनकी जिम्मेदारी बनती है जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी, बाल कल्याण समिति, खुला आश्रय गृह व चाइल्डलाइन कार्यरत है लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जाता।