यह भी पढ़ें
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के आगमन को लेकर मथुरा-वृंदावन में रूट डायवर्जन
दरअसल वारदात दस दिन पहले की है। बीसलपुर थाना क्षेत्र के पुरैनिया रामगुलाम गांव निवासी प्रेमशंकर बीते 17 नंबवर को सुबह तालाब से सिगाड़ा निकालने के लिए गया था। साथ में उसकी उसकी एक बेटी सवित्री व दो बेटे बेटा बाबूराम और तीन वर्षीय बेटा अरुण भी था। प्रेम शंकर तालाब से सिगाड़ा निकालने लगा और तीनों बच्चों को तालाब के किनारे ढकेल पर बिठा दिया। जब वह सिगाड़ा निकाल कर बाहर आया तो तीनों बच्चे नहीं मिले। घर जाकर देखा तो सावित्री और बाबूराम तो मिले लेकिन तीन वर्षीय मासूम अरूण नहीं मिला। प्रेमशंकर ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद बीसलपुर थाने में तहरीर देकर पुलिस से तलाश की गुहार लगाई। यह भी पढ़ें– राष्ट्रपति के कार्यक्रम से पहले प्रशासन ने की चाक चौबन्द व्यवस्था अगले ही दिन उसी तालाब में मासूम अरुण का शव उतराता हुआ मिला। शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जानकारी पाकर सीओ बीसलपुर प्रवीण सिंह मलिक और बीसलपुर कोतवाल मनीराम फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
यह भी पढ़ें– 20 रुपए के कैप्सूल से करिए पराली का निस्तारण बच्चे की आंखें निकाल ली गई थीं। साथ ही शरीर पर सूजा घोंपने के कई निशान भी थे। बच्चे के पिता प्रेमशंकर ने गांव के ही सुधीर गंगवार पर आरोप लगाया कि उसने अपने खेत में दबा खजाना पाने के लालच में तांत्रिक के साथ मिलकर मासूम अरुण की बलि दी है, लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने और डूबने से मौत की बात कहकर मामले को टाल दिया।
यह भी पढ़ें