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पीलीभीत

एक मंच पर जुटे 181 संगठन के किसान नेता, मोदी सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

किसान मुक्ति यात्रा में 181 संगठन के किसान नेता शामिल हुए हैं। ये नेता 20 नवंबर को दिल्ली में किसान संसद करेंगे।

पीलीभीतOct 09, 2017 / 03:02 pm

मुकेश कुमार

Kisan Mukti Yatra

Kisan Mukti Yatra

पीलीभीत। अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति की अगुवाई में 13 राज्यों से होती हुई किसान मुक्ति यात्रा सोमवार को पीलीभीत पहुंची। 181 संगठनों के प्रतिनिधि इस यात्रा में शामिल हैं। कभी धुर विरोधी रहे कृष्णा अधिकारी और वीएम सिंह ने किसान हित में मंच साझा किया। यात्रा में शामिल नेताओं ने किसानों से एकजुट होकर आगामी 20 नंवबर को दिल्ली में होने वाली किसान संसद में शामिल होने की अपील की।
किसानों के खिलाफ साजिश
किसान सभा को सबसे पहले वामपंथी नेता कृष्णा अधिकारी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक तो किसान वैसे ही मर रहा है। अब पीलीभीत में एक साजिश के तहत दुधवा टाईगर रिजर्व के बफर जोन के नाम पर बरूआ कोठारा में टाईगर सफारी बनाई जा रही है। साजिश के तहत बाघों का किसानों का निवाला बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान एकजुटता के लिए आये सभी नेताओं का यहां की धरती पर स्वागत है।
देश को मिलेगी नई दिशा
तेलंगाना के किसान नेता आर चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले कुछ साल से खेती किसानी घाटे का सौदा हो गया है। इसलिए देश के अब तक बीस से तीस लाख किसान आत्महत्या कर चुके है। जिस प्रकार 1975 से लेकर 1977 तक देश में 19 महीने तक आपातकाल लगा था। उस समय सारे विचारधाराओं ने मिलकर कांग्रेस के खिलाफ एक विकल्प दिया था। ठीक उसी प्रकार किसी भी विचारधारा का किसान संगठन हो अब एकजुट हो गया है। किसान आंदोलन के एकजुट होने से देश को एक नई दिशा मिलेगी।
पीएम मोदी पर निशाना
चिंतक तथा स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि आज देश के किसान मजदूर सभी के नाक से पानी ऊपर हो गया है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठा व्यक्ति झूठ बोल रहा है तो कैसे चलेगा। अब ड्रामा नहीं चलेगा। किसानों के सारे कर्जे सरकार को माफ करना चाहिए। सरकार कहती है उनके पास पैसा नहीं है। केरल में दस साल पहले वहां की सरकार ने इसका प्रयास किया। वहां किसानों के कर्ज माफ हुआ। बुलेट ट्रेन के लिए मोदी जी को सवा लाख करोड़ मिल जाता है लेकिन किसानों के कर्ज माफ करने के लिए उनके पास पैसा नहीं है।
 

मेनका गांधी को घेरा
अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि उन्होंने समय-समय पर किसानों की लड़ाई लड़ी है। रेलवे स्टेशन पर बड़ी लाइन के लिए धरना दिया। सोनिया गांधी से बात की और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूरनपुर में बड़ी रेल लाइन की घोषणा की। जिसका श्रेय उनकी बहन मेनका गांधी लूट ले गई। उन्होंने धान खरीद के लिए आंदोलन किया। उसके बाद पूरे प्रदेश में धान की सरकारी खरीद शुरू हुईं। गढ़ा जंगल में जब हनुमान मंदिर उनकी बहन ने तुड़वाया तो केंद्र तथा राज्य में भाजपा की सरकार थी। उस समय भी उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली और गढ़ा का मंदिर बनवाया।
जंतर मंतर पर होगी संसद
वीएम सिंह ने कहा कि हमने मंदसौर से अपनी यात्रा का पहला चरण पूरा किया था। दूसरा चरण चंपारण से शुरू किया। हमने महात्मा गांधी से कहा कि वो अपने गुजराती भाई नरेंद्र मोदी को सद्बुद्धि प्रदान करें। उन्होंने सभा में मौजूद किसानों से आग्रह किया कि वो आगामी 20 नंबवर को दिल्ली में होने वाली किसान संसद में भाग लें। अपनी ताकत मोदी और योगी सरकार को दिखा दें। 181 संगठन अब एकजुट हुए हैं। बीस नंवबर तक वे पूरे देश का दौरा कर लेंगे। यह संसद एक ताकत के रूप में जंतर मंतर पर एकजुट होगी। इस किसान मुक्ति यात्रा को अन्ना हजारे जैसे नेता ने अपना समर्थन दिया है।
ये नेता रहे शामिल
किसान मुक्ति यात्रा में अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक वीरेंद्र मोहन सिंह, स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव, शेतकारी संगठन के सांसद राजू शेट्टी, किसान महापंचायत के रामपाल जाट, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम सिंह गहलावत, तेलंगाना के किसान नेता आर.चंद्रशेखर, पूर्व सांसद इलियास आजमी, किसान नेता अखिलेंद्र प्रताप सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी कुश्वाहा, पुरुषोत्तम शर्मा, अर्चना, मुरादाबाद के किसान नेता धर्मपाल समेत कई लोग शामिल हैं।

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