पहली तस्वीर में तेंदुआ अपने शिकार को देर तक घूरता है। लेकिन दूसरी और तीसरी तस्वीर दर्लभ और चौकाने वाली है।
यहां दूसरी तस्वीर में तेंदुआ शिकार छोड़कर गौमाता की शरण में जाकर बैठ जाता है।
वहीं तीसरी तस्वीर में गौमाता तेंदुए को माँ की तरह प्रेम से अपने गले लगाकर बैठ जाती है।