यह हुई घटना
बताया जा रहा है कि पीलीभीत के चलुआ गांव के रहने वाले देवानंद बीते दिन लखीमपुर खीरी के मैलानी बाज़ार में घरेलू सामान खरीदने गए थे। लौटते वक्त वो साइकिल से जंगल पार करते समय जैसे ही गांव के पास आये तो बाघ ने उनपर हमला बोल दिया। शोरशराबे की आवाज़ सुनकर अन्य ग्रामीणों ने जैसे-तैसे देवानंद को बचाया और जब वो उसे इलाज के लिए ले जा रहे थे तब रास्ते में ही देवानंद ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए।
ऐसे की हत्या
चलतुआ गांव देवानंद की मौत हो जाने की ख़बर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई दर्जनों लोग ट्रेक्टर व अन्य सवारियों से लाठी-डंडे़ लेकर जंगल के अंदर बाघ को खोजने निकल पडे़। तभी अचानक झाड़ियों में छुपे बैठे बाघ पर ग्रामीणों की नज़र पड़ गई और गुस्साए ग्रामीणों ने बाघ पर हमला बोल दिया और उसे तबतक मारते रहे जबतक उसकी मौत नहीं हो गई।
वन विभाग की रही कमियां
विदित हो कि इस क्षेत्र में बीते एक माह से इस बाघ की दस्तक थी। यह बाघ गांव में खुलेआम गांव के खेतों व सडकों पर घूमता था जिसके ग्रामीणों ने खुद देखा। बताया जा रहा है कि यह बाघ घायल था और इसके पैर में चोट थी। बाघ की सूचना उन्होंने वन विभाग को दे रखी थी लेकिन वन विभाग की लापरवाही के चलते वो इस बाघ को ट्रेस नहीं कर पाये और नतीजन इसकी हत्या हो गई। अगर यह बाघ ट्रेस हो जाता तो शायद इस बाघ की हत्या नहीं होती।
वन विभाग ने किया केस दर्ज
उपनिदेशक दुधवा टाइगर रिजर्व महावीर कौजलांगि ने बताया कि चलतुआ गांव का रहने वाला देवनंदन बीते दिन वनक्षेत्र के अंदर गया था जहां उसपर बाघ ने हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद गांव के कई लोगो ने जंगल के अंदर जाकर बाघ की हत्या कर दी। बाघ की हत्या में दर्जनों ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और हत्यारोपी ग्रामीणों की शिनाख़्त की जा रही है। हत्यारों की पहचान के लिए स्थानीय पुलिस की भी मदद ली जा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने साधी चुप्पी
पीलीभीत की सांसद व केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी ने बीते दिन जहां महाराष्ट्र के वनमंत्री और हैदराबाद के नवाब शफाकत अली पर संगीन आरोप लगाए थे कि उन्होंने नागपुर की आदमखोर बाघिन की हत्या करवाई है और वो उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगी। लेकिन आज जब उनके संसदीय क्षेत्र के एक ग्रामीण को बाघ ने पहले अपने का निवाला बनाया और फिर ग्रामीणों ने हत्यारे बाघ की हत्या कर दी इसपर चुप्पी साध रखी है। मेनका घटना स्थल के पास के ग्रामीण क्षेत्रों में जनसभाएं तो की लेकिन मृतक के परिवारीजनों से नहीं मिली। मीडिया को भी इस सवाल पर कोई कोई जवाब नहीं दिया।