प्रधानमंत्री ने कहा, सरदार पटेल जो इस देश के महापुरुष थे, जिन्होंने देश की एकता के लिए जिंदगी खपा दी, उनके सम्मान में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) बनवाया गया है। दुनिया का सबसे ऊंचा स्टैच्यू है, लेकिन कांग्रेस, सपा वाले वहीं नहीं जाते। भाजपा ने तो सरदार साहब को सम्मान दिया, लेकिन विपक्ष नहीं दे रहा। सरदार पटेल का जिक्र कर उन्होंने
पीलीभीत और आसपास के जिलों की सियासत में निर्णायक दखल रखने वाले कुर्मी समाज को भी साधने की कोशिश की।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सिखों का भी पूरा ध्यान रखा। नववर्ष की शुभकामनाओं संग सभी सिख गुरुओं को नमन किया और कहा कि कुछ ही दिन में वैशाखी आने वाली है। मैं उसकी भी शुभकामनाएं देता हूं। मजबूत इरादों के बारे में गुरु गोविंद सिंह के कथन का जिक्र किया। कहा कि, हम बचपन से सुनते आए हैं सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं…। ये बोल भारत की वीर परंपरा के प्रतीक हैं। ये बोल दिखाते हैं। कि लक्ष्य कितना ही कठिन क्यों न हो, भारत अगर ठान लेता है, तो सफलता हासिल करके रहता है। आज इसी प्रेरणा से, ऊर्जा से हम लोग विकसित भारत के संकल्प पर काम कर रहे हैं।