जो पार्टी कहेगी वोही करूँगी
लेकिन केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार दौरा कर रही है। जिसके बाद मेनका ने सीट को लेकर कभी कोई बात नही कही। लोग सिर्फ कोरी अटकलें लगा रहे है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने साफ कह दिया करनाल वाली बात तो अभी गलत है। अभी कुछ तय नहीं हुआ है। लेकिन जो पार्टी कहेगी है वोही सर आंखों पर होगी।
बीते कुछ माह से है चचाएं
बीते दिनों जब से वरूण गांधी ने भाजपा के खिलाफ ही बोलना शुरू कर दिया, तभी से कय़ास लगाएं जा रहे है कि वरूण गांधी भाजपा के खिलाफ है। पहले तो भाजपा ने उन्हे स्टार प्रचारक बनाया था लेकिन सरकार बनने के बाद उनका कद दिन पर दिन कम होता गया। चर्चाएं है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और वरूण गांधी तीनों भाई-बहन की खूब पटती है, इनका एक दूसरे से मिलना जुलना भी बहुत है। प्रियंका के आने के बाद वरूण गांधी को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपने की तैयारी है, ताकि गांधी परिवार कांग्रेस को मज़बूती दे सके। हां यह बात सही है कि सोनिया और मेनका के बीच बिलकुल नहीं बनती!
एक बार बेटे के लिए छोड चुकी है सीट
हालांकि मेनका संजय गांधी पीलीभीत छोड़ने की बात को नाकार रही है लेकिन जब उन्होंने पहली बार अपने बेटे वरूण गांधी को राजनीति में उतारा था तब उन्होंने पीलीभीत की सीट छोड़ दी थी और आंवला लोकसभा से चुनाव लड़ी थी। शायद यही वजह है कि चर्चाएं है कि मेनका राजनीति से सन्यास लेकर वरूण की दोबारा ताजपोशी की तैयारी में है?