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कृषक पिता को किया वादा पूरा करने के लिए बना आईएएस, जानिए UPSC क्लियर करने वाले गांव के लड़के की सक्सिस स्टोरी

locationपीलीभीतPublished: Apr 07, 2019 02:34:35 pm

गांव नौगवां संतोष के कृषक संजीव गंगवार व पुष्पा गंगवार के एकलौते बेटे आशीष गंगवार ने सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर गांव का नाम रोशन कर दिया है।

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कृषक पिता को किया वादा पूरा करने के लिए बना आईएएस, जानिए UPSC क्लियर करने वाले गांव के लड़के की सक्सिस स्टोरी

पीलीभीत। गांव नौगवां संतोष आज एक किसान के बेटे के नाम से पहचाना जा रहा है। जी हां, जनपद पीलीभीत की तहसील बीसलपुर के ब्लॉक बिलसंडा के इस गांव नौगवां संतोष के कृषक संजीव गंगवार व पुष्पा गंगवार के एकलौते बेटे आशीष गंगवार ने सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर गांव का नाम रोशन कर दिया है। आशीष की इस शानदार उपलब्धि के लिए उनके अपने खुशी में झूम उठे। तमाम बधाई देने वालों का तांता घर पर लगा है। हांलांकि आशीष अभी दिल्ली में ही है।

किसान का बेटा है आशीष
आशीष हाईस्कूल में जवाहर नवोदय विद्यालय से टॉपर रहा। उसने जीआरएम बरेली से इंटर करने के बाद कोटा कोचिंग की और फिर IIT में चन हो गया। आशीष ने इसके बाद चार माह प्राईवेट नौकरी की लेकिन लक्ष्य था आईएएस बनने का। पापा संजीव गंगवार और मां पुष्पा गंगवार अपने एकलौते बेटे के साथ खड़े हुए और फिर दिल्ली कोचिंग ज्वाइन करा दी। पहले साल रिटिन में निकल गया तो फिर इंटरव्यू में रह गया। इस बार दोनों में पास हो गया। अभी तक इस गांव नौगवां संतोष की पहचान पूर्व राज्य मंत्री रहे जिले की राजनीतिक पुरोधा स्वर्गीय बाबू तेज बहादुर गंगवार के रूप में रही है आज आशीष ने सीविल सेवा परीक्षा पास कर बिलसंडा गांव को अपने नाम से पहचान दे दी है। पूर्व मंत्री स्वर्गीय बाबू तेज बहादुर गंगवार के मझले भाई स्वर्गीय कृष्ण बहादुर गंगवार के पुत्र संजीव गंगवार का आशीष एकलौता बेटा है। आशीष की तीन बहनों में अपेक्षा और आकांक्षा की शादी हो चुकी है सबसे छोटी बहन प्रतीक्षा IIT के बाद पीजीटी की तैयारी कर रही है। आशीष के ताऊ अशोक गंगवार चीनी मिल कर्मी और चाचा राजीव गंगवार GTI पीलीभीत में कार्यरत हैं। तयेरा भाई रीतेश और उनकी पत्नी पूर्वा प्रोफेसर हैं। आशीष को IAS बनने की सोच अपने ममेरे भाई irs तरूण राठौर (बदायूं) से मिली। आशीष इस कामयाबी का श्रेय मम्मी पापा और गुरु जनों के दे रहा है। जबकि उसके मम्मी पापा तरूण की मेहनत कामयाबी का जिक्र कर रहे हैं।

पढ़ाई में दीवानगी की कर हद पार
आशीष को न खाने की चिंता और न पहनने का शौक यदि कोई शौक था तो बस पढ़ाई का। उसने मुकाम हासिल करने के लिए पढ़ाई की सारी हदें पार कर दी। न घर देखा न परिवार पढ़ाई के अलावा बस अगर कुछ याद था तो बस पापाजी को किया आईएएस बनने का प्रॉमिस।

और खुशी तब होगी जब—-
आशीष के पापा संजीव गंगवार बोले मुझे खुशी है कि मेरे बेटे ने जो प्रॉमिस किया वो पापा को पूरा करके दिखाया, मुझे उस दिन और खुशी होगी जब उसकी शौहरत ईमानदार आईएएस अधिकारी के रूप में हो। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक राजनीतिक परिवार से उनको जाना जाता रहा आज गर्व महसूस हो रहा है कि उनको अब आईएएस आशीष के पिता होने से जाना पहचाना जायेगा।

बीसलपुर तहसील के तीसरे आईएएस बने आशीष
बीसलपुर तहसील में इससे पहले मुसेपुर के नरेश गंगवार और गझाडा के विक्रम गंगवार आईएएस बन चुके हैं। इस बार आशीष की मेहनत रंग लाई है।
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