यह दी जानकारी
नवजात शिशु और स्कूली बच्चों को परजीवी कृमि संक्रमण से संरक्षित रखने के लिए उन्हें कृमि नाशक ‘‘एल्बेंडाजोल’’ की गोलियां दी जाती हैं 1 से 2 वर्ष के बच्चे को आधी गोली तथा 3 से 19 वर्ष के बच्चे को पूरी गोली जाती है। खुले में शौच से संक्रमित मृदा को छून से संक्रमण बच्चों में पहुंचकर अंडे देता है। यह अंडे आंतों में पहुंचते हैं और बच्चों के पोषण को अपने विकास में प्रयोग करते हैं। जिससे कुपोषण, एनीमिया, मानसिक रोग व कुष्ठ रोग हो सकते हैं। वरिष्ठ रिसोर्स पर्सन लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि डब्लूएचओ के अनुसार भारत में 1 से 14 वर्ष के 200 मिलियन बच्चे इस संक्रमण से ग्रस्त है। नाखून काटने, हाथ धोने तथा पैरों को ढ़ककर रखने से इस संक्रमण से बचा जा सकता है।
यह कर रहें लक्ष्य को पूरा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली शिक्षा साक्षरता शिक्षा विभाग, महिला और बाल कल्याण विभाग, केंद्रीय पंचायती राज विभाग, पेयजल स्वच्छता विभाग, शहरी और ग्रामीण विकास विभाग मिलकर इस लक्ष्य को पूरा करते हैं। इस परजीवी को एसटीएच सेल्फ ट्रांसमिटेड हेलमिंथस कहते हैं।
क्विज़ कम्पटीशन का हुआ आयोजन
इस अवसर पर क्विज़ कम्पटीशन का आयोजन किया गया जिसमें कुमारी आशीष, कुमारी स्वीटि पांडे और आदिति मिश्रा ने श्रेष्ठता दिखाई। इन्हें प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर महाविद्यालय की प्राचार्य रेखा कुलश्रेष्ठ ने सम्मानित किया।