सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की प्रक्रिया पर संदेह जाहिर करते हुए सभी लोगों को रजिस्ट्री देने की मांग की। दूसरी तरफ बीजेपी ने केजरीवाल के बयान को गुमराह करने वाला बताया है। अरविंद केजरीवाल का बयान आने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता व सांसद विजय गोयल भी मैदान में उतरे। गोयल ने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) संभावित हार को देखते हुए बौखला गई है। केजरीवाल पहले कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने की बात कर रहे थे। जबकि खुद उन्होंने इसके लिए हाईकोर्ट से दो साल का समय मांगा है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद ने कहा कि पूरा मसला चुनावी है। आम आदमी पार्टी विवाद पैदा कर रही है। आप मामले का राजनीतिकरण कर अपना हित साध रही है। डीडीए के आंतरिक सर्वे में कहा गया है कि यह काम बेहद मुश्किल है।
यहां तक कि कच्ची कॉलोनियों की मैपिंग भी नहीं हुई है। 2015 में एक नोटिफिकेशन निकला था, जिसमें दिल्ली सरकार व एमसीडी को मैंपिंग करने का कहा गया था। लेकिन दोनों एजेंसियां इस मामले में नाकाम रहीं। अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का काम सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है।
बता दें कि बुनियादी सुविधाओं से वंचित अनधिकृत कॉलोनियां दिल्ली की सियासी जंग में हमेशा से अहम रही हैं। समय-समय पर राजनीतिक दलों ने कॉलोनियों को नियमित करने का चुनावी वादा भी किया। अब तक हर चुनाव में कॉलोनियों को नियमित करने का मसला सियासी पार्टियां जोरशोर से उठाती रही हैं। लेकिन तकनीकी और कानूनी अड़चनों में फंसकर नतीजा सिफर ही रहा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इन कॉलोनियों की 40 लाख से अधिक लोग निर्णायक होंगे। चुनाव की आहट के साथ ही दिल्ली के सियासी गलियारे में अनधिकृत कॉलोनियों का मसला फिर से गरम हो गया है। इस बार दो कदम आगे बढ़ते हुए मंगलवार को केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकसभा में कॉलोनियों को मालिकाना हक दिलाने से जुड़ा बिल भी पेश कर दिया है।