आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव कराया गया। उपचुनाव में 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, हालांकि मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच रहा। आप के दुर्गेश पाठक का बीजेपी के राजेश भाटिया के सीधी टक्कर थी, जिसमें दुर्गेश पाठक शानदार जीत अर्जित की।
1. दिल्ली मॉडल पर मुहर
महज एक दशक के अंदर देश में अपनी पहचान बनाने आसान नहीं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने एक खास रणनीति के साथ इस मुकाम को हासिल किया है। एक खास मॉडल तैयार किया, जिसके दम पर तीन बार राजधानीवासियों के दिल में जगह बनाई। इसी दिल्ली मॉडल का असर पंजाब के चुनाव में भी दिखा और यहां भी आप की सरकार बनी।
पंजाब चुनाव के बाद से ही आम आदमी पार्टी को लेकर देश और दुनिया में दिलचस्पी लोगों में बढ़ना शुरू हो गई। यही वजह है कि राजेंद्र नगर उपचुनाव पर हर किसी नजरें टिकी हुई थीं। यहां आप को जिता कर राजधानीवासियों ने दिल्ली मॉडल पर मुहर लगा दी है।
ये दिल्ली मॉडल का ही असर है कि बीजेपी और कांग्रेस जैसे पार्टियों को भी अब 'मुफ्त' (बिजली, इलाज आदि) की राजनीति पर फोकस करना पड़ रहा है।
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बीजेपी-कांग्रेस को आप के 4 संदेश1. दिल्ली मॉडल पर मुहर
महज एक दशक के अंदर देश में अपनी पहचान बनाने आसान नहीं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने एक खास रणनीति के साथ इस मुकाम को हासिल किया है। एक खास मॉडल तैयार किया, जिसके दम पर तीन बार राजधानीवासियों के दिल में जगह बनाई। इसी दिल्ली मॉडल का असर पंजाब के चुनाव में भी दिखा और यहां भी आप की सरकार बनी।
पंजाब चुनाव के बाद से ही आम आदमी पार्टी को लेकर देश और दुनिया में दिलचस्पी लोगों में बढ़ना शुरू हो गई। यही वजह है कि राजेंद्र नगर उपचुनाव पर हर किसी नजरें टिकी हुई थीं। यहां आप को जिता कर राजधानीवासियों ने दिल्ली मॉडल पर मुहर लगा दी है।
ये दिल्ली मॉडल का ही असर है कि बीजेपी और कांग्रेस जैसे पार्टियों को भी अब 'मुफ्त' (बिजली, इलाज आदि) की राजनीति पर फोकस करना पड़ रहा है।
2. प्लान G-H पर फोकस
राजेंद्र नगर सीट पर जीत के साथ आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस के G-H प्लान ( गुजरात औ हिमाचल चुनाव ) पर भी फोकस बढ़ा दिया है। दरअसल इन दोनों ही राज्यों के चुनाव पर आम आदमी पार्टी की सीधी नजर है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों में ही बीजेपी की सरकार है।
लिहाजा आप का अच्छा प्रदर्शन इन दोनों राज्यों में बीजेपी का तो खेल बिगाड़ ही सकता है साथ ही कांग्रेस को दोबारा वापसी करने में भी काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
राजेंद्र नगर सीट पर जीत के साथ आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस के G-H प्लान ( गुजरात औ हिमाचल चुनाव ) पर भी फोकस बढ़ा दिया है। दरअसल इन दोनों ही राज्यों के चुनाव पर आम आदमी पार्टी की सीधी नजर है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों में ही बीजेपी की सरकार है।
लिहाजा आप का अच्छा प्रदर्शन इन दोनों राज्यों में बीजेपी का तो खेल बिगाड़ ही सकता है साथ ही कांग्रेस को दोबारा वापसी करने में भी काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
3. चुनाव में नहीं चलने देंगे 'हिंदुत्व' कार्ड
भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव से पहले हिंदुत्व की राजनीति शुरू कर देती है। बीजेपी की इस राणनीति के चलते कांग्रेस को भी सांप्रदायिकता की राह पर कदम बढ़ाना पढ़ते हैं यानी इन दिनों ही दलों के बीच हिंदू-हिंदुत्व और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति का खेल शुरू हो जाता है।
लेकिन आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदम ये बता रहे हैं कि राजनीति में वो हिंदुत्व कार्ड चलने नहीं देगी,बल्कि अपनी सफाई वाली मानसिकता से आगे बढ़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव से पहले हिंदुत्व की राजनीति शुरू कर देती है। बीजेपी की इस राणनीति के चलते कांग्रेस को भी सांप्रदायिकता की राह पर कदम बढ़ाना पढ़ते हैं यानी इन दिनों ही दलों के बीच हिंदू-हिंदुत्व और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति का खेल शुरू हो जाता है।
लेकिन आम आदमी पार्टी के बढ़ते कदम ये बता रहे हैं कि राजनीति में वो हिंदुत्व कार्ड चलने नहीं देगी,बल्कि अपनी सफाई वाली मानसिकता से आगे बढ़ेगी।
4. दिल्ली अभी दूर
राजेंद्र सीट पर कब्जे के साथ आम आदमी पार्टी का चौथा और अहम संदेश ये है अभी बीजेपी और कांग्रेस के लिए दिल्ली बहुत दूर है। केंद्र में रहकर भी बीजेपी दिल्लीवासियों के दिल में जगह नहीं बना पा रही है।
बीजेपी के स्टार प्रचारों को पूरी फौज एक सीट पर जीत दर्ज करने में नाकाम साबित हुई तो वहीं राजधानी पर 15 साल का राज करने वाली कांग्रेस की जड़े ही झाड़ू साफ करती जा रही है। आप के कदम यूं ही बढ़ते गए निश्चित रूप से ये बीजेपी-कांग्रेस को आने वाले दिनों (चुनावों) में बड़ा झकटा दे सकती है।
राजेंद्र सीट पर कब्जे के साथ आम आदमी पार्टी का चौथा और अहम संदेश ये है अभी बीजेपी और कांग्रेस के लिए दिल्ली बहुत दूर है। केंद्र में रहकर भी बीजेपी दिल्लीवासियों के दिल में जगह नहीं बना पा रही है।
बीजेपी के स्टार प्रचारों को पूरी फौज एक सीट पर जीत दर्ज करने में नाकाम साबित हुई तो वहीं राजधानी पर 15 साल का राज करने वाली कांग्रेस की जड़े ही झाड़ू साफ करती जा रही है। आप के कदम यूं ही बढ़ते गए निश्चित रूप से ये बीजेपी-कांग्रेस को आने वाले दिनों (चुनावों) में बड़ा झकटा दे सकती है।
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