बता दें कि हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह व बुधवार को दिल्ली की नई प्रदेश अध्यक्ष ने आप विरोधी बयान दिए थे। इन बयानों की वजह से महागठबंधन कर आप के ऊपर बना दबाव समाप्त हो गया है। अभी तक आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू समेत दूसरे विपक्षी नेताओं की तरफ से आप के महागठंबधन में शामिल होने को लेकर नैतिक दबाव बना हुआ था।
जानकारी के मुताबिक दोनों मुख्यमंत्रियों के अलावा डीएमके ने एम स्टालिन, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला समेत आप से सहानुभूति रखने वाले नेताओं का मानना था कि भाजपा विरोधी मतों का लोकसभा चुनाव में बंटवारा नहीं होना चाहिए। विपक्षी नेता आप नेतृत्व को बार-बार सलाह दे रहे थे कि वह महागठबंधन का हिस्सा बन जाएं। वहीं आप नेताओं को एक धड़ा भी गठबंधन करने की वकालत कर रहा था। इसके पीछे की मूल मंशा पंजाब व दिल्ली में वोटों को बंटवारा रोकने की थी। इससे भाजपा को शिकस्त देने में मदद मिलेगी। हालांकि आप की पंजाब व दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी।