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अच्छी नहीं थी फैमिली बैकग्राउंड
इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके मन में कभी प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि उनका जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें उनको कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गांव को गुड़ खिला देती। उन्होंने कहा कि बचपन में उनका स्वाभाव था किताबें पढ़ना था। वह बड़े बड़े लोगों का जीवन पढ़ते थे। कभी फौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था।
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प्रधानमंत्री को गुस्सा आता है?
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री को गुस्सा आता है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इतने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहा लेकिन मुझे कभी गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह सख्त हैं और अनुशासित हैं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करते। वह अक्सर कोशिश करते हैं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं। ‘सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं’।
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खुद के जीवन को ऐसा अनुशासित बनाया
परिवार के साथ रहने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सुबह से शाम तो दफ्तर में काम करते हैं। देर रात घर लौटते हैं। इसलिए मां कहती हैं ‘मैं तुम्हारे घर में आकर किसके साथ बात करूंगी’। एक दिन मां ने कहा कि वह उसके पीछे अपना समय खराब न करे। उन्होंने कहा कि वह कभी किसी से मिलते हैं तो मेरा कभी कोई फोन नहीं आता है। उन्होंने खुद के जीवन को ऐसा अनुशासित बनाया है।