राज्यपाल ने जताई थी आपत्ति राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अगले दिन ट्वीट किया कि उन्होंने बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए है। महाधिवक्ता अदालत में झूँठ बोल रहे हैं। राज्यपाल की प्रतिक्रिया आने के बाद महाधिवक्ता ने कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। उन्होंने सुनवाई में स्वीकार किया कि उन्होंने पिछले हलफनामे में जो जानकारी दी थी वह “गलत” थी। राज्यपाल ने हावड़ा नगर निगम के संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए है। इसके चलते हावड़ा नगर निगम में चुनाव कराना संभव नहीं है। उन्होंने अपनी गलती के लिए कोर्ट से माफी मांगी।
जेल और जुर्माना संभव
राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी कोर्ट में झूठ बोलकर फंस गए थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई में उनकी माफी को मंजूरी दे दी। यदि उच्च न्यायालय ने क्षमादान नहीं दिया होता तो महाधिवक्ता को जेल और जुर्माना दोनों हो सकता था।