scriptExit poll के बाद EVM को लेकर मचे शोर का राज क्‍या है? | After exit polls what is secret behind EVM issue? | Patrika News

Exit poll के बाद EVM को लेकर मचे शोर का राज क्‍या है?

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2019 01:30:42 pm

Submitted by:

Dhirendra

EVM को लेकर विरोधी दलों के एजेंट फैला रहे हैं भ्रम
जांच में दुष्‍प्रचार के दावे निकले फर्जी
पूर्व चुनाव आयुक्‍त ओपी रावत का दावा ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित

evm

leadership of Narendra Modi Tempering is made by EVM- nishad

नई दिल्‍ली। लोकसभा चुनाव के सभी चरणों का मतदान संपन्‍न होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। विपक्षी पार्टियों का रुख एग्जिट पोल्‍स आने के बाद ईवीएम को लेकर पहले से ज्‍यादा सख्‍त हो गया है। विरोधी दलों के नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार की योजना ईवीएम के जरिए सत्‍ता में वापसी करने की है। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग द्वारा इन आरोपों को खारिज करने के बाद अहम सवाल यह है कि ईवीएम को लेकर हंगामे की वजह क्‍या है?
केरल: BJP नेता श्रीधरन पिल्‍लई ने वित्त मंत्री थॉमस आइजैक को दी मुकमदेे की धमकी,…

विरोधी दलों ने EVM को बनाया मुद्दा

दरअसल, EVM को लेकर छेड़छाड़ की शिकायत कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार यह हंगामा कुछ ज्‍यादा है। खासकर एग्जिट पोल्‍स में एनडीए की सत्‍ता में वापसी की बात सामने आने के बाद से विरोधी दलों ने EVM को अस्तित्‍व का सवाल बना लिया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विरोधी दल के नेता एग्जिट पोल्‍स के रुझानों एनडीए को बढ़ते मिलने से मानसिक दबाव में हैं। इनसे बाहर निकलने के लिए विरोधी दलों के नेताओं ने इस बार ईवीएम का आड़ लिया है। इसके पीछे सरकार की छवि खराब करना भी उनका एक मकसद हो सकता है।
मुंबई के जोगेश्‍वरी में गैस सिलेंडर विस्‍फोट, 13 लोग घायल

EVM का दुष्‍प्रचार ज्‍यादा

एग्जिट पोल्‍स के बाद ईवीएम को लेकर 21 विरोधी दलों के रुख को राजनीतिक जानकार गंभीरता से नहीं लेते हैं। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। पूर्व चुनाव आयुक्‍त ओपी रावत ने भी ईवीएम को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। दूसरी तरफ राजनीतिक विश्‍लेषकों का कहना है कि ईवीएम को लेकर जहां से भी गड़बड़ी की सूचनाएं मिली हैं वो जांच के दौरान गलत साबित हुई हैं। कई स्‍थानों पर तो डीएम ने मौके पर पहुंचकर जब प्रदर्शनकारियों को सही जानकारी दी तो प्रत्‍याशियों सहित उनके कार्यकर्ता शांत हो गए।
नीतिश कुमार की महागठबंधन में जाने की चर्चा पर लगा विराम, आज शाह के दावत में होंगे शामिल

ये है ईवीएम का सच!

ईवीएम को लेकर सबसे ज्‍यादा दुष्‍प्रचार के मामले गाजीपुर, चंदौली, झांसी, सारण, पटना, छपरा, पानीपत और फतेहाबाद से आए हैं। इन्‍हीं स्‍थानों से ईवीएम बदलने को लेकर वीडियो भी वायरल हुआ है। जब इन मामलों की पड़ताल हुई तो सच कुछ और ही सामने आया।
सुप्रीम कोर्ट का टेक्‍नोक्रैट्स को बड़ा झटका, 100% VVPAT मिलान की याचिका की खारिज

दरअसल, जहां-जहां पर मतदान केंद्र बनाए गए हैं वहीं पर स्‍ट्रांग रूम में अनुप्रयुक्‍त ईवीएम और खराब ईवीएम को रखने की व्‍यवस्‍था है। विभिन्‍न मतदान केंद्रों से कलेक्‍शन के बाद ऐसे ही खाली और अनुप्रयुक्‍त ईवीएम को सुरक्षित रखने के लिए लाए गए थे, जिसे विरोधी दलों व उनके समर्थकों ने ईवीएम बदलने की घटना मानकर उसका दुष्‍प्रचार किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो