कुछ साल पहले ही अलागिरी को निकाल दिया गया था पार्टी से
करुणानिधी के बड़े बेटे एम. के. अलागिरी को कुछ साल पहले ही पार्टी से निकाल दिया गया था, तब से लेकर अब तक वह पॉलिटिक्स से दूर थे। लेकिन पिता की मृत्यु के बाद वह एक बार फिर से पॉलिटिक्स में आने का मन बना रहे हैं। पिता की मौत के एक हफ्ते बाद ही अलागिरी ने पार्टी पर अपना हक जता दिया है। आपको बता दें कि करुणानिधि के दूसरे बेटे स्टालिन को एक साल पहले ही पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बया गया था।
एक साल पहले ही छोटे बेटे स्टालिन को बनाया गया था कार्यकारी अध्यक्ष
उस वक्त भी अलागिरी ने स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फैसले पर भी सवाल खड़े किए थे। वहीं, अब अलागिरी खुद को करुणानिधि की राजनीतिक विरासत का असली वारिस बता रहे हैं। ऐस में संभावना जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में दोनों भाईयों में हक की जंग छिड़ सकती है। इसी के मद्देनजर जब मंगलवार को डीएमके की अहम बैठक होनेवाली है।
बता दें कि अलागिरी को दोबारा पार्टी में शामिल करने की मांग तेज हो गई है। इसका असर सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। अलागिरी के समर्थन में सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। यही नहीं पोस्टर के जरिए करुणानिधि के बेटे दयानिधि अलागिरी को भविष्य का नेता बताया जा रहा है।