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यूपी, बिहार और बंगाल के बाद अब गुजरात की राजनीति में घुसेगी एआईएमआईएम

locationनई दिल्लीPublished: Dec 27, 2020 12:27:00 am

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करेगी बीटीपी।
बीटीपी नेता व विधायक छोटू बसावा ने की दोनों के गठबंधन की घोषणा।
बसावा के बयान को राजनीति के गलियारे में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

After UP, Bihar and Bengal, AIMIM will now enter Gujarat politics

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भरुच। उत्तरप्रदेश, बिहार और बंगाल के बाद अब गुजरात की राजनीति में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी कदम रखने जा रही है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने गुजरात में एआईएमआईएम के साथ गठबंधन का निर्णय लिया है।
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इसकी घोषणा बीटीपी के नेता व झगडिया के विधायक छोटू बसावा ने शनिवार को की। बीटीपी व एआईएमआईएम के साथ गठबंधन के बाद प्रदेश की राजनीति में खलबली मची देखी जा रही है। छोटू बसावा ने शनिवार को एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया। गुजरात की राजनीति में अपने नए साथी के रूप में छोटू बसावा ओवैसी को लॉन्च करने जा रहे हैं।
विधायक छोटू बसावा ने कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी व ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया जाएगा। दोनों पार्टियां स्थानीय स्वराज के चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के गठबंधन के हराने का काम किया जाएगा। छोटू ने कहा कि गुजरात व देश में ईको सेंसेटिव जोन के खिलाफ आदिवासियों को बचाने के लिए बीटीपी की भूमिका रहेगी।
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किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाई सरकार: वसावा

किसानों के मुद्दे पर छोटू बसावा ने कहा कि एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाई।कॉरपोरेट सेक्टर सरकार को गाइड कर रहे हैं। सरकार कंपनियों के हाथ का खिलौना बन गई है, जिसकी सजा देश को भुगतनी पड़ रही है।
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राजनीतिक फायदा देख पाला बदलने में माहिर बसावा

आदिवासी इलाके में चर्चित छोटू बसावा राजनीतिक फायदा देखकर पाला बदलने में शुरू से माहिर रहे। राजस्थान के डुंगरपुर में स्थानीय स्वराज के चुनाव के समय बीटीपी प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा व कांग्रेस के एक साथ होने के बाद ही छोटू बसावा की पार्टी बीटीपी ने पूरे गुजरात से कांग्रेस को झटका दिया और सर्मथन वापस ले लिया था।
भरुच जिला पंचायत में भी बीटीपी के समर्थन से सरकार चला रही कांग्रेस से उन्होने अपना सर्मथन वापस ले लिया था। इसका असर नर्मदा जिला पंचायत में भी देखने को मिला। यहां भी बीटीपी ने कांग्रेस से सर्मथन वापस ले लिया था। राज्यसभा के चुनाव में भी बसावा ने कई बार पाला बदला था।
बीटीपी का हाथ पकड़कर बढ़ेगी एआईएमआईएम!

बीटीपी के राष्ट्रीय नेता छोटू बसावा के बयान को राजनीति के गलियारे में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गुजरात में काफी दिनों से घुसने का प्रयास कर रहे ओवैसी को अब आदिवासी नेता का साथ मिल गया है। आदिवासी व मुस्लिम मतों को सहेज कर दोनों पार्टी आने वाले समय में क्या गुल खिलाएंगी, यह तो वक्त ही बताएगा, मगर दोनों दलों के गठबंधन की खबर ने प्रदेश की राजनीति में बवंडर लाने का काम जरूर किया है।
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भाजपा को सीधा फायदा!

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी व छोटू भाई के गठबंधन से कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। इसका पूरा फायदा भाजपा को मिलेगा। भाजपा की बी टीम के रूप में काम करने का आरोप दोनो दलों पर पहले ही लग चुका है।
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पहले थे जेडीयू में, बाद में बनाई बीटीपी

छोटू बसावा को राजनीति का उस्ताद माना जाता रहा है। छोटू पहले जेडीयू में शामिल थे व इसी पार्टी से प्रदेश के इकलौते विधायक भी बनकर आते रहे। जेडीयू में टूट फूट से कुछ समय पहले ही उन्होंने अपने बड़े पुत्र व वर्तमान में बीटीपी से देडियापाड़ा के विधायक महेश बसावा की अगुवाई में नई पार्टी भारतीय ट्राईबल पार्टी का गठन किया था।
बीटीपी ने संसदीय चुनाव भी पूरे दमखम से लड़ा था। आदिवासी इलाके में कई स्थानों पर बीटीपी के हाथ में तहसील पंचायत के साथ जिला पंचायत भी कांग्रेस के साथ मिलकर रही।

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